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EXCLUSIVE: स्कूल जाने के नाम पर डिप्रेशन में बच्चे

मनोरोग की ओपीडी में खुलासा, कोविड के बाद ज्यादा ममाले

 

स्कूली बच्चे स्कूल जाने के नाम पर तनाव में घिर रहे है। जी हां यह बिल्कुल सच है और मनोरोग की ओपीडी में ऐसा देखने में आ रहा है। आंकड़ों का विश्लेषण किया जाए तो हमीरपुर मेडिकल कॉलेज की ओपीडी के चिकित्सक डॉ महेंद्र से असर न्यूज ने खास बातचीत की। सामने आया कि हिमाचल में बच्चे भी डिप्रेशन की चपेट में है। वह स्कूल नहीं जाने को लेकर कई बहाने बना रहे हैं। प्रतिदिन यदि 60 से 70 की ओपीडी होती है तो उसमें लगभग 5 फ़ीसदी बच्चे ऐसे होते हैं जो डिप्रेशन के शिकार होते हैं।

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कोवीड के बाद बढ़े मामले

सामने आ रहा है कि कोविड के बाद इन मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। जिसमें ग्राफ 15 फ़ीसदी बढ़ता दिख रहा है।

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बच्चे लगाते हैं बहाने

सामने आ रहा है को स्कूली बच्चे स्कूल नहीं जाने को लेकर अक्सर पेट और सिर में दर्द की शिकायत लेकर कई बहाने लगा रहे हैं। मैडम मारती हैं ये भी बहाने बना रहे है। हालांकि को

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जिसमें कई तो झूठे बहाने होते हैं लेकिन कई को मनोरोग के कारण सच में ही पेट में दर्द और सिर में दर्द की शिकायत होती है इसे कई बार मेडिसन ओपीडी के बाद भी मनो विभाग ओपीडी में रेफर किया जाता है।

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एक केस ऐसा भी

केस स्टडी के दौरान एक ऐसा ऐसा सामने आया कि बच्चा जब स्कूल में होता है तो उसे बार-बार शौच आता है लेकिन जब वह घर में। होता है तो वह बिल्कुल ठीक होता है।

वहींं एक अन्य केस में एक बेटी को हॉस्टल भेजा जा रहा था लेकिन बेटी की यह शिकायत थी कि जब वह हॉस्टल जाती है तो वह बहुत बीमार पड़ जाती है लेकिन जब वह घर में रहती है तो वह बिल्कुल ठीक हो जाती ही।

 

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क्या कहते है डॉक्टर

 

मनोचिकित्सक डॉक्टर महिंद्र का कहना है कि यदि आपके घर में भी ऐसा बच्चा है तो उसे मनो विभाग लाने से  हिचकीचाहे  नहीं।

उसका इलाज संभव है इसमें काउंसलिंग भी की जाती है और बच्चे को जरूरत पड़ी तो दवाई भी दी जाती है परिवार की भी काउंसलिंग आवश्यक है वहीं  अभिभावक को उसे लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है

Deepika Sharma

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