प्रदेश के कम्प्यूटर शिक्षक 6 दिन से आंदोलन की राह पर क़ायम है। शिमला मे इनका आंदोलन अपने लिए नीति और पीजीटी के बराबर वेतन को लेकर है इतिहास मे पाँचवी बार ये क्रमिक अनशन पर है। संघ के प्रेस सचिव राजेश का कहना है कि
2000मे पहला आंदोलन फिर क्रमशः 2008मे 2014मे और 2016मे 176दिन का आंदोलन ये शिक्षक कर चुके है जिसके बाद 24दिसंबर को खुद मुख्यमंत्री और विक्रमदित्य इनके अनशन को खत्म करने गए थे
अभी देखना होगा की इनले लिए सरकार क्या करती है
अभी तक क्या हुआ
कांग्रेस ने 2017 मे इनके लिए 1191पद भरने की योजना बनाई और आधे शिक्षकों के साक्षात्कार होने के बाद मामला कोर्ट मे ले जाया गया और अभी भी स्टे है सरकार ने पांच सालो मे स्टे हटाने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए!
*कोर्ट का क्या रुख* cwp10464/11 मे इनके लिए सम्भावनाए तलाशने के आदेश हुए जिसके बाद केस नंबर copc 639/14 मे 2015 मे कोर्ट मे शपथ पत्र दिया गया और फिर सरकार ने इसके बावजूद कुछ नहीं किया!
अभी नीति का air 1191 पोस्ट्स का मामला कोर्ट मे पेन्डिंग है
*शिक्षकों का क्या कहना-*
राज्य प्रेस सचिव राजेश शर्मा
कम्प्यूटर शिक्षक सरकार से खासे नाराज है न चाहते हुए भी कम्प्यूटर शिक्षकों को मजबूर किया गया! हड़ताल के लिए और कांग्रेस नीति मे बीजेपी ने PPP को अच्छा खासा फायदा दिया
और तो और महिला शिक्षक भी सड़को पर नारेबाजी कर रही है हमें फिर भी उम्मीद कि 28को हमारा वेतन और नीति दोनों का मामला सुलझेगा




