खास खबर: प्लास्टिक कचरे के प्रबन्धन में उभर रही बड़ी चुनौतियां
धर्मशाला में पर्यावरण प्रबन्धन और प्रदूषण नियन्त्रण पर दो दिवसीय सर्टिफिकेट कोर्स का आयोजन करवाया जा रहा
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 08 व 09 सितम्बर 2022 को कॉर्ड संस्थान धर्मशाला में पर्यावरण प्रबन्धन और प्रदूषण नियन्त्रण पर दो दिवसीय सर्टिफिकेट कोर्स का आयोजन करवाया जा रहा है। प्रशिक्षण में जिला ऊना कांगड़ा और चंबा के उपमण्डलाधिकारी (ना०), विकास खण्ड अधिकारी, शहरी स्थानीय निकायों के कार्यकारी अधिकारी भाग ले रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड के सदस्य सचिव, श्री अपूर्व देवगन ने इस अवसर पर पर्यावरण कानूनों के प्रभावी किर्यान्वयन के लिए पर्यावरण प्रबन्धन और प्रदूषण नियन्त्रण से सम्बन्धित विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रम के समग्र उद्देश्यों को भी रेखांकित किया और वह 08 व 09 सितम्बर, 2022 के दौरान प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन कर रहे हैं। आर.एन. जिंदल, निदेशक (सेवानिवृत्त) एम.ओ.ई.एफ. और सी.सी. भारत सरकार ने जल (प्रदूषण
की रोकथाम और नियन्त्रण) अधिनियम, 1974 वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियन्त्रण) अधिनियम 1981 और पर्यावरण संरक्षण अधिनियत 1988 के तहत बनाए गए नियमों सहित पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियन्त्रण के लिए कानूनी ढांचे पर प्रस्तुतियां दी। इस आयोजन के दौरान सभी सदस्यों को रक्कड़ में बेस्ट वॉरियर स्वच्छता केन्द्र, गमरू में सीवेज
ट्रीटमेंट प्लांट और नगर परिषद् कांगड़ा की ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन संयंत्र का दौरा भी करवाया गया। दूसरे दिन तकनीकी सत्र में हि. प्र. के संदर्भ मे पर्यावरणीय परिवर्तन और ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन से सम्बन्धित मुद्दों को शामिल किया जाएगा। अपूर्व देवगन, सदस्य सचिव, हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड द्वारा अधिसूचित एकल उपयोग प्लास्टिक के उपयोग को प्रभावी ढंग से किर्यान्वित करने, कंपोसटेबल कैरी बैग के उपयोग और पी.आई.बी.ओ. की ई.पी.आर. कार्य योजना के सत्यापन के उद्देश्य से प्लास्टिक कचरे के प्रबन्धन में उभरती चुनौतियों को शामिल किया जाएगा। डा० दिनेश पोशवाल, (रिबाउंड एनविरोटेक प्राइवेट लिमिटेड, धर्मशाला) शहरीकरण से पर्यावरण परिवर्तन और जल संसाधनों पर इसके प्रभाव, सीवेज प्रबन्धन और नदी पर पड़ने वाले प्रभाव पर चर्चा करेंगे। डा० मुकेश शर्मा, प्रोफेसर, आई.आई.टी. कानपुर वायु प्रदूषण नियन्त्रण और प्रबन्धन से सम्बन्धित मुद्दों और एन.सी.ए.पी. योजना के अनुसार कार्यवाई बिंदुओं
और ध्वनि प्रदूषण नियन्त्रण और निगरानी के साथ अपशिष्ट प्रबन्धन पर चर्चा करेंगे। दूसरे दिन एक संयुक्त चर्चा भी होगी, जिसमें डा० निपुण जिंदल (भा.प्र.से.) उपायुक्त, कांगड़ा, डा० कृष्ण मैत्री, राष्ट्रीय निदेशक, कॉर्ड, संस्थान धर्मशाला और श्री आर.एन. जिंदल, निदेशक (सेवानिवृत) एम.ओ. ई.एफ. भारत सरकार शामिल हैं।


