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खास खबर: जिन बागवानों ने 01.04.2022 के बाद सेब की पेटियां एवं ट्रे खरीदी , (GST) का 6 प्रतिशत उपदान बागवानी विभाग एवं एच.पी.एम.सी के माध्यम से उपलब्ध करवाया जाएगा

पिछले कुछ समय से हिमाचल प्रदेश के बागवानों द्वारा सरकार के ध्यान में कुछ विषय लाए गये, जिन पर माननीय मुख्य मंत्री  जयराम ठाकुर द्वारा एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उन्होने एक कमेटी का गठन किया जिसमें वित्त, आबकारी एवं कराधान, उद्यान, कृषि एवं सहकारिता विभाग के सचिव सदस्य बनाए गए। माननीय मुख्य मंत्री महोदय के निर्देशों के अनुसार आज दिनांक 30.07.2022 को मुख्य सचिव महोदय की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई जिसमें बागवानों के हितों ओर सेब की फसल के बारे में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये।

 

बागवानों के हितों में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सरकार ने यह तय किया कि प्रदेश में सभी बागवानों को, जिन्होने 01.04.2022 के बाद सेब की पेटियां एवं ट्रे खरीदी है, वस्तु एवं कर सेवा (GST) का 6 प्रतिशत उपदान बागवानी विभाग एवं एच.पी.एम.सी के माध्यम से उपलब्ध करवाया जाएगा। प्रदेश के बागवान अपने सम्बधित उद्यान विभाग के कार्यालय में जाकर एक फॉर्म पर अपना प्रार्थना पत्र देंगे जिसके साथ (GST) बिल की कॉपी, बिकी प्रकरण (Sale Proof) / परिवहन वस्तु रसीद / बाज़ार शुल्क की प्रति उपलब्ध करवाएंगें ताकि उनके आधार युक्त बैंक खातों में इस 6 प्रतिशत (GST) का लाभ सरकार द्वारा एच.पी.एम.सी के माध्यम से सीधा जमा करवाया जा सके इसके अतिरिक्त एच.पी.एम.सी. द्वारा बेचे गये कार्टन एवं ट्रे पर भी यह उपदान उपलब्ध रहेगा । सरकार द्वारा यह निर्णय भी लिया गया कि इस सारे GST के खर्च को प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

 

एच.पी.एम.सी को यह निर्देश जारी किये गये कि इस बार के सेव सीज़न को ध्यान में रखते हुए वह कम से कम एक करोड़ पेटियों के पैकेजिंग सामग्री के आबटन की तैयारी कर ले जिसमें से उनके द्वारा 50 प्रतिशत की तैयारी की जा चुकी है। यह करवाना इसलिए आवश्यक है ताकि बागवानों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पडे !

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बैठक में सरकार द्वारा यह भी तय किया गया कि 8 करोड़ 65 लाख रूपये की धनराशी जो प्रदेश सरकार ने अभी विभाग को दी है, उसका भुगतान बागवानों को तुरंत किया जाए ताकि 2021 तक एम. आई. एस. की अदायगी पूर्ण रूप से चुकता कर दी जाए। बैठक में यह भी कहा गया कि इस वर्ष की अदायगी करने हेतु सरकार द्वारा धन की उपलब्धता कराई जाती रहेगी ताकि बागवानों को कोई संकट न हो।

 

सरकारी प्रवक्ता ने यह भी स्पष्ट किया की बागवानों से संबधित उपकरण, एंटीहेलनेट तथा अन्य संबधित उपकरणों की अदायगी हेतु विभाग जैसे ही इस वर्ष के बजट का व्यय कर लेगा, उसे तुरंत अतिरिक्त बजट के प्रावधान करने की व्यवस्था कर दी जाएगी।

 

एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय से अवगत कराते हुए सरकारी प्रवक्ता ने यह भी बताया कि बागवानी नीति में बदलाव करते हुए सरकार ने गत वर्षो की भांति विभिन्न प्रकार के कीटनाशकों के उपदान का पुरानी योजना पुनः लागू कर दी है जिसके अनुसार यह सारी वस्तुएं उद्यान विभाग के केन्द्रों के माध्यम से उपलब्ध होगी। सरकार के निदेशानुसार Agriculture Marketing Board ने छैला ची से सैंज रोड़ तक सड़क के सुधार हेतू 12.36 करोड़ रूपये स्वीकृत कर दिए ए हैं। ताकि बागवानों को यातायात की समस्या से तुरंत राहत प्रदान की जा नके |

 

साथ ही साथ लोक निर्माण विभाग को सरकार की तरफ से यह निर्देश भी जारी किए गए कि इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर प्रारम्भ किया जाए। प्रवक्ता ने यह भी बताया की उद्यान क्षेत्र में बोर्ड के गठन को लेकर मामला सरकार के विचाराधीन है ताकि इसमें बागवानों की सहभागिता की जा सके जिसके लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है ।

 

सरकार द्वारा बागवानी क्षेत्र में किसानों / बागवानों हेतु विभिन्न योजनाओं का सफलता पूर्वक क्रियान्वयन किया जा रहा है और प्रदेश सरकार बागवानों के हितों की रक्षा के लिए सदैव वचनबद्ध है।

Deepika Sharma

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