असर विशेष : करोना योद्धा ही नहीं बचेंगे तो कौन लड़ेगा यह जंग

आज प्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन की आपातकालीन सेंट्रल एग्जीक्यूटिव कमिटी की बैठक हुई जिसमें सभी जिला के मेंबर्स ने हिस्सा लिया सभी ने एकमत से सरकार के उस फैसले का विरोध किया जिसमें के कोविड वार्ड में ड्यूटी देने के बाद कोरोना वॉरियर्स के क्वर्टीन काल को ख़त्म किया गया है।सभी ने बहुत ही आश्चर्य और दुख जताया कि सरकार ने हमारे बार-बार विनम्र निवेदन के बाद और उसके बाद हमारे प्रतीकात्मक विरोध ,जिसमें के सभी प्रदेश के डॉक्टर्स ने काले बिल्ले लगाकर अपना कार्य किया। उसके बावजूद भी किसी तरह की कोई बैठक या विचार विमर्श किसी भी करोना वॉरियर्स संघ से नहीं किया गया।
प्रदेश महासचिव डॉ पुष्पेंद्र वर्मा ने बताया कि सभी ने एकमत से हामी भरी कि हम इस मुद्दे को आगे माननीय उच्च न्यायालय में लेकर जाएंगे और न्याय के लिए गुहार लगाएंगे और विरोध स्वरूप काले बिल्ले लगाते रहेंगे।सभी ने आईजीएमसी शिमला में कोविड बोर्ड में ड्यूटी करने के बाद संक्रमित स्टाफ नर्स की शहादत पर शोक प्रकट किया और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन भी रखा गया। और सरकार को संघ ने एक बार फिर से अनुरोध किया कि अगर करोना वारियरस को कोविड में ड्यूटी देने के बाद संगरोध पीरियड नहीं दिया गया तो कुछ इस तरह के ही परिणाम अब आए दिन देखने को मिलेंगे,जो दुखद है। पिछले दिनों पूरे भारतवर्ष में एक ही दिन में 50 चिकित्सकों के शहादत की खबर आई जो कि बहुत ही दिल दुखाने वाली थी। इसलिए संघ ने फिर एक बार सरकार को अवगत करवाते हुए कहा कि अगर करोना वारियर्स ही नहीं बचेंगे तो कोविद्द से लड़ाई कैसे लड़ी जाएगी ।


