EXCLUSIVE: राज्य मनोरोग अस्पताल पर मनोरोगियों से हिंसा का आरोप, जांच के आदेश
शिवालिक इंस्टीटयूट ऑफ नर्सिंग की छात्रा सुदर्शली पराशर ने राज्य मनोरोग अस्पताल को कटघरे में खड़ा किया है।
शिवालिक इंस्टीटयूट ऑफ नर्सिंग की छात्रा सुदर्शली पराशर ने राज्य मनोरोग अस्पताल को कटघरे में खड़ा किया है। छात्रा का आरोप है कि
भर्ती मनोरोगियों के साथ हिंसा हो रही है। उन्होंने इसकी शिकायत मानवाधिकार को की है। शिकायत पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने जांच के आदेश दिए हैं।
हालांकि सच का खुलासा जांच के बाद ही होगा कि आखिर इसमें कितनी सच्चाई है लेकिन छात्रा के आरोप ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं जिसके जवाब अब संबंधित अस्पताल को देने हैं। छात्रा के आरोप कितने पुष्टि गत है जिसे लेकर अब जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि आरोपों को संबंधित अस्पताल नकार रहा है।

सुदर्शली ने राज्य मानवाधिकार आयोग को भेजी अपनी शिकायत में कहा था कि वह शिवालिक इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग की अन्य 43 छात्राओं के साथ 8 जून से 8 जुलाई 2022 तक राज्य मनोरोग अस्पताल में इंटर्नशिप कर रही थी। 25 जून को सुबह लगभग 10 बजे उसने एवं अन्य छात्राओं ने देखा कि एक महिला मनोरोगी को नर्सिंग स्टाफ के सामने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने किसी बात पर बुरी तरह पीटा।
यह देखकर छात्राओं को बहुत बुरा लगा। लेकिन मौके पर मौजूद नर्सिंग स्टाफ ने इस पर कुछ नहीं कहा। उसने लिखा कि यह मनोरोगियों के मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन है। उसने मामले की जांच करके दोषियों को सजा देने की मांग की।
राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस मामले की जांच के आदेश दिए और राज्य के स्वास्थ्य विभाग से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। स्वास्थ्य विभाग ने इसके बाद मामले की जांच शुरू की है। स्वास्थ्य विभाग की एक संयुक्त निदेशक डॉक्टर अंबिका चौहान ने सुदर्शली पराशर एवं अन्य चार छात्राओं को बुलाकर उनके बयान दर्ज किए। इन छात्राओं में हरिप्रिया शर्मा, तमन्ना सुनान्टा, शिखा भारती और स्नेहा शर्मा शामिल हैं।
सुदर्शली पराशरने संवाददाताओं को बताया कि मनोरोग अस्पताल का माहौल बहुत खराब है। महिला मनोरोगियों को काफी गंदी परिस्थितियों में रखा जाता है और उन्हें रोज साफ कपड़े भी नहीं पहनाए जाते। उसने कहा कि ऐसे माहौल में कोई भी मनोरोगी और अधिक बीमार हो जाएगा। उसने यह भी कहा कि अस्पताल में मनोरोग से संबंधित प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ एवं अन्य कर्मचारी तैनात किए जाने चाहिए।



