असर विशेष : कोविड काल में कोविड वारियर्स खफा, लगाएंगे काले बिल्ले
उठाए सवाल ;क्वरंटीन पीरियड आखिर क्यों कर दिया कम

कोविड काल में हिमाचल के फ्रंट वारियर्स खफा हो गए हैं। अब कारण भी काफी अहम है की हिमाचल के डॉक्टर्स का कोविड काल में क्वरंटीन पीरियड ही खत्म कर दिया गया है। इस रोष को लेकर डॉक्टर्स काले बिल्ले लगाएंगे। सेमडिकॉट , हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन और आरडीए इसका विरोध कर रही है। सेडीकॉट के अध्यक्ष डॉक्टर राजेश सूद का कहना है की इस तरह के दिए गए निर्देश डॉक्टर्स को हतोत्साहित कर रहे हैं। हिमाचल में डॉक्टर्स पर काम का दबाव ज्यादा है। ऐसे में क्वरंटीन पीरियड का खत्म करना कितना न्यायोचित है। ऐसे में डॉक्टर्स के परिवार को भी संक्रमण फैलने का खतरा है।
उधर आरडीए का कहना है कि
इस समय प्रदेश में सबसे ज्यादा करोना मरीज आईजीएमसी में ही सबसेे ज्यादा दाखिल हैैे।
ये रेजिडेंट्स जो लगातार 36 घंटे की ड्यूटी करते हैं 3 दिन के क्वॉरेंटाइन को भी मान गए थे। लेकिन सरकार द्वारा जो अभी सूचना जारी की गई है जिसके अनुसार हमें कोई क्वॉरेंटाइन ही नहीं मिलेगा वह बिल्कुल भी हमारे द्वारा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आरडीए का मानना है की यह प्रदेश सरकार Center Institutes को follow कर रही है
सरकार को भी बता दिया जाय की उनके पास जो डॉक्टर है उसकी संख्या हमारे अस्पताल के डॉक्टरों से ज्यादा और उनके काम करने का समय हमारे समय से अलग और कम है।अगर वह ऐसे आदेश जारी करना चाहती है तो वह वैसी सुविधाएं भी दी जाय जैसी उनको मिल रही है। आरडीए के मुताबिक
हमारे कई डॉक्टर दोनों वैक्सीन डोज़ लगाने के बाद भी पॉजिटिव आ चुके हैं और करोना ड्यूटी देने के बाद भी पॉजिटिव आ रहे हैं। सरकार यह नहीं समझ पा रही है कि अगर क्वॉरेंटाइन खत्म हो गया तो जो संक्रमित डॉक्टर होगा वह अपने साथ के डॉक्टर को भी संक्रमित करेगा जिससे डॉक्टरों की और कमी होगी और अंत में मरीजों को ही दिक्कत होगी।


