
डॉक्टर रमेश
बरसात का मौसम कई तरह की बीमारियां लेकर आता है। इस मौसम में नमी और पानी के कारण संक्रमण फैलने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। पानी में पलने वाले मच्छरों के काटने से होने वाले रोगों के अलावा जीवाणुओं से पैदा होने वाले डायरिया, हैजा और फूड प्वाइजनिग का भी खतरा रहता है। इस मौसम में कभी उमस तो कभी ठंड के कारण फ्लू, सर्दी-जुकाम, बुखार, एलर्जी और इंफेक्शन का भी खतरा बढ़ जाता है। इस मौसम में जरूरी है कि शरीर की साफ-सफाई के साथ अपने पीने के पानी का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिये क्योंकि दूषित पानी अनेक तरह की बीमारियों को आमंत्रित करता है।
हमेशा स्वच्छ पानी और ताजा भोजन का सेवन करना चाहिए।
आजकल होने वाली आम बीमारियाँ-
1. गैस्ट्रोइंटराइटिस
आमतौर पर इसे डायरिया या स्टमक फ्लू कहा जाता है। सफाई का ध्यान न रखने पर पानी या भोजन के जरिए से नुकसानदेह बैक्टीरिया व्यक्ति की आंतों में पहुंचकर सूजन पैदा करते हैं,
उल्टियां दस्त लगते हैं ,पेट दर्द और बुखार आता है , शरीर में पानी नमक की कमी होती है!
2. टाइफाइड
यह सल्मोनल्ला टाइफी नामक बैक्टीरिया की वजह से फैलने वाला गंभीर संक्रामक रोग है। दरअसल संक्रमित व्यक्ति के मल में भी यह बैक्टीरिया जीवित रहता है। खुले में शौच और सीवेज सिस्टम की व्यवस्था दुरुस्त न होने की वजह से यह लोगों के भोजन के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाता है।
इसमें तेज़ बुखार आता है, पेट भी खराब होता है!
यह बैक्टीरिया महीनों तक जीवित रहता है और बहुत तेजी से फैलता है। इसी वजह से संक्रमित व्यक्ति को स्वस्थ होने में कम से कम दो सप्ताह का समय लगता है।
3. हेपेटाइटिस ए और ई
वायरस की वजह से होने वाले हेपेटाइटिस नामक लिवर संक्रमण के कई प्रकार हैं, पर बरसात के मौसम में दूषित खानपान के कारण सबसे ज्यादा हेपेटाइटिस ए और ई की समस्या होती है। आम भाषा में इसे जॉन्डिस या पीलिया भी कहते हैं।
4. डेंगू
एडीज़ प्रजाति के मच्छर इस समस्या के लिए जिम्मेदार होते हैं। इनके डंक के जरिए व्यक्ति के शरीर में फ्लैवी वायरस का प्रवेश हो जाता है और वहां तेजी से इसकी संख्या बढ़ने लगती है।
बहुत तेज़ बुखार आता है!
5. चिकनगुनिया
बारिश के मौसम में एडिस मच्छरों के काटने से यह बीमारी होती है। उसमें काटने के चार से छह दिनों बाद व्यक्ति में इसके लक्षण नजर आते हैं।
6. मलेरिया
यह भी एनोफेलीज़ नामक मच्छर के काटने से फैलता है। इसके डंक के जरिए प्लास्मोडियम नामक पैरासाइट व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता है और रेड ब्लड सेल्स को तेजी से नष्ट करने लगता है। यहां पर आमतौर पर लोगों को प्लास्मोडियम वाईवैक्स मलेरिया होता है, बहुत तेज बुखार आता है, शरीर टूटता है !
7. सर्दी-जुकाम, बुखार
बारिश के मौसम में यह बीमारी आम है। काफी देर तक शरीर में नमी रहने के कारण सर्दी-खांसी के बैक्टीरिया जन्म लेते हैं जिससे सर्दी-जुकाम, बुखार और खांसी जैसे रोगों की संभावना बढ़ जाती है। इससे बचाव के लिए बारिश में भीगने से बचना जरुरी है। अगर किसी वजह से भीग जाते हैं तो तुरंत कपड़े बदलकर सूखे कपड़े पहन लेना चाहिए।
8. फूड पोआईज़निंग
बरसात और गर्मी में फूड पोआईज़निंग के मामले भी बढ़ जाते हैं !
ताज़ा भोजन ही खाएं, बासी खाने आजकल जल्दी जानलेवा हो जाते हैं !
इसमें उल्टियां दस्त लगते हैं बुखार आता है !
ऐसे करें बचाव
1. मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों से बचाव के लिए सफाई रखना बहुत जरूरी है। कहीं भी पानी जमा न होने दें।
2. इस मौसम में जितना हो सके पानी उबाल कर ही पिएं।
3. मच्छरों से बचाव के लिए पूरी बाजू वाले कपड़े पहनें।
4. सोते वक्त मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।दरवाजे, खिड़कियों पर नेट की व्यवस्था रहने से मच्छर, मक्खी और दूसरे बीमारी फैलाने वाले किटाणुओं का प्रवेश नहीं हो पाता।
5. ताज़ा बना खाना ही खाएं, बासी खाने से परहेज़ करें, खाना अच्छी तरह ढक कर रखें !
6. हाथ बार बार साबुन से धोयें !
7. फल-सब्जियों को अच्छी तरह साफ़ पानी से धोकर ही खायें ! फलों पर मक्खियाँ बैठती हैं और अपने पाँवों से फलों पर गंदगी डालती हैं, बीमारियों वाले विषाणु फैलाती हैं क्योंकि ये मल मूत्र पर भी साथ साथ बैठती रहती हैं !
फल सब्जियों पर आजकल रंग और आकार के लिये दवाईयों की स्प्रे भी की जाती है जो जहरीली भी हो सकती है और स्वास्थ्य के लिये हानिकारक हो सकती हैं, साफ़ करना इसलिये भी जरूरी हो जाता है !
8. खाना घर पर ही खाएं तो बेहतर रहेगा, बाहर बने खाने सुन्दर बर्तनों में परोसे गये देखने में और खाने में अच्छे हो सकते हैं पर आजकल सेहत के लिये सुरक्षित होंगे, इस बात का भरोसा नहीं किया जा सकता है !


