वाह रे सरकार, यूआरसीएच कार्यकर्ताओं को वेतन की दरकरार

URCH महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता को समय पर नहीं मिल रहा मासिक वेतन,कहा प्रदेश सरकार कर रही है अनदेखा….
कोरोना काल में जमीनी स्तर पर सभी प्रकार के कार्य कर रही यू.आर.सी.एच कार्यकर्ताओं को प्रदेश सरकार अनदेखा कर रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्यरत अर्बन रिप्रोडक्टिव चाइल्ड हेल्प महिलाओं का कहना है कि वह इस विषय के साथ पहले भी माननीय मुख्यमंत्री से मिल चुके हैं और इसको मध्य रखते हुए यह आश्वासन दिया था कि आपको RKS Contact लेने के लिए हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों के चिकित्सा अधिकारी से इस विषय पर जवाब मांगा था जोकि DHS में एक महीना पहले पहुंच चुका था। लेकिन इनके बार-बार विनती करने पर भी इस पत्र के जवाब को आगे नहीं भेजा गया। उनका कहना है कि डी.एच.एस वाले यह कह कर बात को टाल देते हैं कि आप out sourcse में नहीं आते।

कार्यरत महिलाओं का कहना है कि सरकार के आदेश अनुसार जो नई भर्तियां होने वाली है उससे हमें प्रतिशतता के आधार पर लिया जाए, इस स्कीम को स्थाई नीति बनाया जाए। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत मई 2011 से 41 यू.आर.सी.एच महिलाएं हिमाचल प्रदेश के 10 जिलों में कार्यरत है।यू.आर.सी.एच कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रदेश सरकार नहीं हर प्रकार के कर्मचारियों के मानदेय में बढ़ोतरी की है। लेकिन उनकी मानदेय 2011 से ₹8000 ही है।
यू.आर.सी.एस कार्यरत महिलाएं सालों से एक ही मानदेय पर कार्य कर रही है। इससे उनमें भारी रोष पनपा हुआ है। स्वास्थ्य कार्यकर्ता काम्या चौहान,मोनिका,रमा,विनीता,अनीता, बिन्दु एवं मीरा,मीना और एकता का कहना है कि कोरोना काल में सरकार ने जो भी निर्देश दिए हैं उनका उन्होंने पूरी ईमानदारी से पालन किया है। सब सेवाएं देने पर भी इन्हें सही मानदेय और सुरक्षा नहीं दी गई। कोविड पॉजिटिव होने पर भी इन्हें कोई सुविधा नहीं मिली और ना ही उन्हें किसी बीमा में लिया गया है। इतना काम करने पर भी ना तो संस्थाओं ने और न ही सरकार ने उन्हें किसी भी प्रकार का आश्वासन दिया। तथा इनका कहना है कि सरकार ने इन्हें कोरोना योद्धा का सम्मान देना भी उचित नहीं समझा।
यू.आर.सी.एस कार्यकर्ताओं ने सरकार से विनम्र निवेदन किया है कि वह इनकी समस्याओं का जल्द से जल्द निवारण करें।
असर टीम से भारती….




