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फिर एचआरटीसी कर्मचारियों की आंदोलन की चेतावनी

 

हिमाचल परिवहन कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति के अध्यक्ष  समर चौहान, उपाध्यक्ष पूर्ण चन्द शर्मा, सचिव  खेमेन्द्र गुप्ता, प्रवक्ता  संजय कुमार, कोषाध्यक्ष  जगदीश चन्द एवम् सर्व  चमन सिंह, गोपाल लाल, देवी चन्द, देस राज, राय सिंह, धनी राम, सुख राम, प्रेम सिंह, अनित कुमार, ऋषि लाल, संजीव कुमार, नवल किशोर, टेक चन्द, विजय कुमार, यशपाल सुल्तानपुरी, सुशील कपरेट, दलीप शर्मा ने संयुक्त ब्यान में खेद प्रकट करते हुए कहा है कि गत दिवस परिवहन मंत्री की अध्यक्षता में हुई एचआरटीसी निदेशक मण्डल की बैठक में भी एचआरटीसी कर्मचारियों फिर आश्वासन का झुनझुना दिखाकर निराशा ही हाथ लगी है। एचआरटीसी कर्मचारियों को इस बैठक से पूर्ण उम्मीद थी कि बैठक में परिवहन मंत्री सभी श्रेणियों के कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर कर छठे वेतन आयोग की सिफारिशो को लागू करने की घोषणा के साथ-साथ कर्मचारियों के लम्बित पड़े देय वित्तीय देनदारियों की घोषणा करेंगे। परन्तु ऐसा कुछ भी नहीं हो सका बल्कि परिवहन मंत्री का ब्यान पूर्व की भांति रटा-रटाया कर्मचारियों को छोटे बच्चे की तरह ठगने वाला है क्योंकि दो से तीन महीनों के पश्चात तो सरकार को चुनाव में जाना है तब तक किसी तरह कर्मचारियों को गुमराह कर कर्मचारियों से छल करना ही परिवहन मंत्री एक मात्र उद्देश्य रह गया है। परन्तु कर्मचारी अब इस प्रकार के आश्वासनों के बहकावे में नहीं आने वाला।

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समन्वय समिति ने पूर्व में अपना प्रस्तावित आन्दोलन इसलिए स्थगित किया था कि परिवहन मंत्री ने कुछ कर्मचारी संगठनों से बात कर आश्वासन दिया था कि एचआरटीसी के सभी कर्मचारियों की श्रेणियों की वेतन विसंगतियों को दूर कर छठे वेतन आयोग की सिफारिशें जून पेड जुलाई में दे दिया जाएगा परन्तु ऐसा कुछ न हो सका। जिस कारण कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। इसलिए समन्वय समिति शीघ्र ही बैठक कर आगामी निर्णय लेगी।

 

अतः परिवहन संयुक्त समन्वय समिति पदेश सरकार व निगम प्रबंधन से पुनः मांग करती है कि एचआरटीसी के कर्मचारियों की विभिन्न श्रेणियों की वेतन विसंगतियों को दूर कर छठे वेतन आयोग के लाभ के साथ-साथ अन्य लम्बित देय वित्तीय देनदारियों की अदायगी सेवारत एवं सेवानिवृत कर्मचारियों को शीघ्र जारी किया जाए। अन्यथा समन्वय समिति द्वारा स्थगित किए गए आन्दोलन को मजबूर होकर पुनः शुरू करना पड़ेगा जिससे होने वाली किसी भी प्रकार की हानि के प्रदेश सरकार व निगम प्रबंधन जिम्मेवार होंगे।

 

 

 

Deepika Sharma

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