विशेषस्वास्थ्य

खास खबर : ये है हिमाचल में कोविड फंड की तस्वीर

No Slide Found In Slider.

 

 

 

राज्य सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं, संगठनों और आम जनता की तत्काल आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हर संभव प्रयास किए हैं। हिमाचल सरकार ने साफ किया है कि सरकार ने स्वास्थ्य कर्मचारियों और अन्य फ्रंटलाइन कार्यकताओं को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण प्रदान करवाने के साथ-साथ खाद्य पदार्थों और दवाओं आदि जैसे अन्य सभी आवश्यक वस्तुओं की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं।

No Slide Found In Slider.

प्रदेश सरकार ने कोविड-19 से उत्पन्न स्थितियों से निपटने हेतु स्वैछापूर्ण सहयोग के लिए एचपी एसडीएमए कोविड-19 राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष स्थापित किया है। यह कोष कोरोना महामारी के दौरान राहत का स्रोत बना हुआ है। प्रदेशवासी इस आपदा प्रतिक्रिया कोष में उदारतापूर्वक योगदान दे रहे हैं। योगदानकर्ताओं में विभिन्न संगठन, उद्योगपति, व्यापारी, कर्मचारी और व्यक्ति शामिल हैं। 26 अप्रैल, 2021 तक, राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष में 85,30,54,095 रुपये प्राप्त हुए हैं, जिसमें से 66,28,37,282 रुपये विभिन्न जिलों और विभागों को जारी किए जा चुके हैं।

कोविड-19 के नियन्त्रण कार्य में लगे विभिन्न विभागों के फ्रंटलाइन कर्मचारियों के लिए, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण किट एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच है। पीपीई किट की खरीद के लिए विभिन्न विभागों और उपायुक्तों को कुल 20.90 करोड़ जारी किए गए हैं। इसमें स्वास्थ्य विभाग को 12 करोड़ रुपये, सभी उपायुक्तों को 5.25 करोड़ रुपये, पुलिस विभाग को दो करोड़ रुपये, नगर निगम शिमला को एक करोड़ रुपये, होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा विभाग को 40 लाख रुपये, पशुपालन विभाग को 20 लाख रुपये और मुख्य अग्निशमन अधिकारी को पांच लाख दिए गए।

कोरोना अवधि के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, हिमाचल प्रदेश को 9,55,68,000 रुपये दिए गए। मंडी में मेक शिफ्ट अस्पताल की खरीद के लिए स्वास्थ्य विभाग को 6,64,30,000 रुपये प्रदान किए गए। दिल्ली और चंडीगढ़ में फंसे हजारों हिमाचलवासियों की ठहरने और अन्य व्यवस्था के लिए हिमाचल भवन चंडीगढ़ को 10 लाख रुपये और हिमाचल भवन दिल्ली को पाँच लाख दिए गए।

No Slide Found In Slider.

देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हिमाचलवासियों को बसों, ट्रेनों और हवाई मार्ग से घर वापस लाया गया, जिसके लिए एसडीएमए ने विभिन्न सरकारी विभागों, एजेंसियों और व्यक्तियों को 13,08,22,425 रुपये प्रदान किए। इसमें से हिमाचल सड़क परिवहन निगम को 8.05 करोड़ रुपये, भारतीय रेलवे के विभिन्न जोन को 4,76,67,280 रुपये, चेन्नई निगम आयुक्त को रेलगाड़ियों में यातायात के प्रबन्ध के लिए 7,71,719 रुपये, उत्तरी राज्यों में फंसे व्यक्तियों के परिवहन के लिए देहरादून के एक बस आॅपरेटर को 1,89,000 रुपये, फंसे हुए लोगों के वायु परिवहन के लिए एम्बेसडर टूअर शिमला को 49,940 रुपये और तिरुवंतपुरम से ऊना तक 31 व्यक्तियों के टिकट किराये के लिए 34,100 रुपये जारी किए गए।

कोरोना अवधि के दौरान प्रदेश में होमगार्ड की तैनाती के लिए पुलिस महानिदेशक को 10,88,83,398 रुपये, उपायुक्त चंबा को 23,40,000 रुपये, उपायुक्त किन्नौर को 16,50,000 रुपये और उपायुक्त कुल्लू को 10,27,000 रुपये दिए गए। सैनिटाइजर आदि की खरीद के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को 1,45,04,185 रुपये, सचिवालय प्रशासन विभाग को 14 लाख रुपये और नगर निगम धर्मशाला को 20 लाख रुपये दिए गए।

इसके अतिरिक्त, लोगों को क्वारंटीन सेंटर पहुंचाने और क्वारंटीन अवधि पूर्ण होने के पश्चात वापिस घर पहुंचाने हेतु बस सेवा प्रदान करने के लिए उपायुक्त उपायुक्त चंबा को 50 लाख रुपए प्रदान किए गए। राज्य के बसों और बस अड्डों के स्वच्छता के लिए हिमाचल परिवहन को पांच करोड़ रुपये और इम्युनिटी बूस्टर की खरीद के लिए आयुर्वेदिक विभाग को पांच लाख रुपये प्रदान किए गए।

जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सरकार कड़े आंतरिक नियंत्रणों के साथ वित्तीय प्रबंधन नीतियों को अपना रही है। सरकार की कोविड-19 नियंत्रण रणनीति की सफलता जनता के विश्वास और प्रतिक्रिया उपायों की व्यापक स्वीकृति के रूप में परिलक्षित हो रही है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा कोविड निधि के प्रबन्धन में उच्च स्तर की पारदर्शिता अपनाई जा रही है, जिसे www-hpsdma@nic-in पर देखा जा सकता है। इसके परिणामस्वरूप ही लोग इस फंड में उदारतापूर्वक अंशदान दे रहे हैं।

Deepika Sharma

Related Articles

Back to top button
Close