EXCLUSIVE: शिक्षा निदेशालय में स्कूलों की इंस्पेक्शन रिपोर्ट जीरो
सभी जिलों में नहीं इंस्पेक्शन के लिए पूरा मिनिस्ट्रियल स्टॉफ, इंस्पेक्शन रिपोर्ट नहीं पहुंच पा रही शिक्षा निदेशालय
प्रदेश शिक्षा विभाग में शिक्षा की तस्वीर और सुधरे इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा इंस्पेक्शन सैल तो बनाया गया लेकिन इसकी अधूरी रिपोर्टिंग शिक्षा निदेशालय पहुंच रही है। जानकारी के मुताबिक प्रदेश के स्कूलों में इंस्पेक्शन तो हो रही है लेकिन इंस्पेक्शंन का क्या औचित्य , जब उसकी रिपोर्ट समय पर ही शिक्षा निदेशालय के पास नहीं पहुंच पाए। गौर हो कि शिक्षा विभाग के तहत इंस्पेक्शन सैल के तहत सभी जिलों में इंस्पेक्शन के लिए अधिकारी की नियुक्ति तो की गई है लेकिन मिनिस्ट्रियल स्टाफ नहीं के बराबर है लिहाजा इंस्पेक्शन तो स्कूलों की हो जाती है लेकिन आखिर में परिणाम क्या निकल कर आता है उसकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग नहीं भेजी जा रही है।
सभी स्कूलों का इंस्पेक्शन समय पर समय किया जाना भी आवश्यक है लेकिन जो रिपोर्ट आए उसकी तहत ही आगामी कार्रवाई भी की जा सकती है। अब यह कार्रवाई शिक्षा निदेशालय ही करेगा लेकिन वह भी कैसे करें जब उसके पास सभी जिलों से अधूरी रिपोर्ट इंस्पेक्शन की पहुंच रही है।
बॉक्स
हर माह मांगी जाती है रिपोर्ट
गौर यह भी है कि हर माह सभी जिलों से इंस्पेक्शन रिपोर्ट भेजने के निर्देश जारी किए गए हैं। लेकिन जब मिनिस्ट्रियल स्टाफ ही नहीं है तो शिक्षा विभाग का इंस्पेक्शन सैल सैनिक कार्रवाई कैसे करें? अब यदि इन पदों को नहीं भरा जाता है या
जिला में इंस्पेक्शन कर रहे निरीक्षकों के तहत रिपोर्ट बनाने वाले कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं होती है तो यह सेल अधूरे तरीके से काम करेगा। स्कूलों के निरीक्षण से एक फायदा तो अवश्य होता है कि जो भी कमी होती है और जल्द सुधार ले जाती है जिसमें स्कूलों को नोटिस जारी होते हैं। अब रिपोर्ट सही समय पर नहीं पहुंच रही है तो नोटिस भी कोई भी जारी नहीं हो पाए हैं।



