जल विद्युत दोहन प्रदेश के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं परन्तु पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र को मंदी का सामना करना पड़ रहा है जिस कारण बहुत सी परियोजनाएं लम्बित पड़ी हैं। सरकार ने इन लम्बित पड़ी परियोजनाओं को शीघ्र कार्यान्वित करने के उद्देश्य से परियोजना निर्माणकर्ताओं को एक मुश्त रियायत (One Time Amnesty Scheme) प्रदान करने का निर्णय नवम्बर, 2020 में लिया ताकि इन परियोजनाओं पर शीघ्रातिशीघ्र कार्य आरम्भ कर इन्हें पूर्ण किया जा सके।
इस स्कीम के अन्तर्गत कुल 224 परियोजनाएं पात्र थी जिनमें से 191 परियोजनाओं के Milestones अनुपूरक कार्यान्वयन अनुबंध (SIA) हस्ताक्षरित कर पुनः परिभाषित किए गए। अनुपूरक कार्यान्वयन अनुबंध (SIA) के अनुसार परियोजनाओं को Connection Agreement 3 Long Term Open Access Agreement 312 Power Purchase Agreement हस्ताक्षरित करने थे परन्तु विभिन्न कारणों से कुछ परियोजनाएं दिए गए समयानुसार Connection Agreement और Long Term Open Access Agreement अथवा Power Purchase Agreement हस्ताक्षरित नहीं कर पाए जिसके लिए सरकार द्वारा मंत्रीमण्डल की बैठक में एक मुश्त रियायत के सन्दर्भ में निम्नलिखित निर्णय लिए गए हैं:
[[. जिन परियोजनाओं में Connection Agreement और Long Term Open Access Agreement अथवा Power Purchase Agreement हस्ताक्षरित नहीं है उनको 31.07.2022 तक अतिरिक्त समय प्रदान किया गया है।
II. यदि किसी कारणवश परियोजना निर्माता Connection Agreement और Long Term Open Access Agreement 31eral Power Purchase Agreement 31.07. 2022 तक हस्ताक्षरित नहीं कर पाता है तथा देरी के लिए वह जिम्मेदार नहीं है तो प्रशासनिक विभाग अतिरिक्त समय देने के लिए अधिकृत होगा।
6 परियोजनाएं जो एक मुश्त रियायत योजना से वंचित रह गई थी उन परियोजनाओं को एक मुश्त रियायत देने का निर्णय लिया गया है।
IV. 26 परियोजना निर्माता जो परियोजना निर्माण हेतु गंभीर नहीं पाए गए तथा जिन्होंने एक मुश्त रियायत के अन्तर्गत SIA भी हस्ताक्षरित नहीं किए, उन परियोजनाओं का आवंटन रद्द करने का भी निर्णय लिया गया।



