प्रशासनिक अक्षमता के चलते निशुल्क वर्दी वितरण योजना के तहत 1.73 करोड़ की राजकोष में लगी चपत
आम आदमी पार्टी ने 2018-19 सत्र की वर्दियों के बचे करोड़ों रुपए का मांगा हिसाब

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की 2019-20 की रिपोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार की प्रशासनिक अक्षमता एवम लचर व्यवस्था के चलते निशुल्क वर्दी वितरण योजना के तहत राजकोष को 1.73 करोड़ रुपए की चपत को लेकर तीखी आलोचना की है। कैग रिपोर्ट के अनुसार राज्य सरकार प्रत्येक वर्ष सत्र के शुरू होने पर स्कूली बच्चों को गुणवता पूर्ण वर्दी का कपड़ा उपलब्ध करवाने की उसकी प्रतिबद्धता के अनुसार योजना बनाने व लागू करने में असमर्थ थी। औपचारिकताओं को पूरा करने एवम आपूर्ति आदेश जारी करने में विलंब के कारण 2018-19 के दौरान विद्यार्थियों को कपड़ा उपलब्ध नहीं करवाया गया था और 2016-18 एवम 2019-20 के कालखंड में विभागीय अधिकारियों ने वर्दी वितरण में एक से 11 महीने से ज्यादा समय लिया। ज्ञात रहे कि सत्र 2021-22 की वर्दी वितरण मार्च माह में की जा रही है जिसका +2 के विद्यार्थियों को कोई इस्तेमाल नहीं रहेगा।
इसके साथ ही कांगड़ा, चंबा, हमीरपुर, मंडी व रामपुर स्थित राज्य के पांच अस्पतालों में ट्रॉमा सेंटर की स्थापना एवम सुदृढ़ीकरण के लिए 11 करोड़ रुपए खर्च करने पर नतीजा नगण्य है।
वहीं पर आम आदमी पार्टी, हिमाचल प्रदेश ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिर्पोट को लेकर ठाकुर जय राम सरकार पर शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर आपराधिक लापरवाही और असंवेदनशीलता का आरोप लगाते हुए जोरदार राजनीतिक प्रहार किया है। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता कल्याण भण्डारी ने कांगड़ा से जारी एक विज्ञप्ति में कहा है कि राज्य सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे अहम मामलों में उदासीन रवैया अपनाया है जिसे उनकी पार्टी लोगों के बीच ले जा कर उजागर करने का काम करेगी। कल्याण भण्डारी ने आगे कहा कि आम आदमी पार्टी मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर से मांग करती है कि सत्र 2018-19 दौरान न वितरित की गई वर्दियों से बचे करोड़ों रुपए का हिसाब राज्य की जनता को देने काम करें। पार्टी प्रवक्ता ने राज्य के मेधावी छात्रों को एक योजना के तहत दिए जाने वाले लैपटॉप से वंचित रख डिजिटल इण्डिया प्रोग्राम को नुकसान पहुंचाने का भी गंभीर आरोप लगाया है।


