
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद शोध समिति हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सेमिनार हॉल में छात्रा सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया |
इस कार्यक्रम में मुख्यातिथि के तौर पर शीतल व्यास ( अधिवक्ता, माननीय उच्च न्यायालय हि.प्र.) एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ सीमा ठाकुर ( प्रान्त छात्रा प्रमुख,अ.भा.वि.प हि.प्र.) उपस्थित रहीं ।
कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए शीतल व्यास ने कहा यह दिन महिलाओं के अधिकारों के लिए आंदोलन का प्रतीक है, और इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य भी महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देना है | उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” की शुरुआत वर्ष 1908 में अमरीका के न्यूयॉर्क शहर में हुए, एक महिला मजदूर आंदोलन से हुई थी. जब क़रीब 15 हज़ार महिलाएं अपने अधिकारों की मांग के लिए सड़कों पर उतरी थीं. ये महिलाएं काम करने के समय को कम करवाने, अच्छी तनख़्वाह और वोटिंग के अधिकार की मांग के लिए प्रदर्शन कर रही थीं. महिलाओं के इस विरोध प्रदर्शन के लगभग एक वर्ष बाद, अमरीका की सोशलिस्ट पार्टी ने पहले राष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने की घोषणा की थी | कार्यक्रम में मौजूद कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए डॉ सीमा ठाकुर ने कहा कि महिला दिवस को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने का विचार एक महिला क्लारा ज़ेटकिन ने दिया था. उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” मनाने का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य महिलाओं और पुरुषों में समानता बनाने के लिए जागरूकता लाना है,साथ ही महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है. उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” को पूरे विश्व में अलग-अलग तरह से मनाया जाता है. ये एक ऐसा दिन बन गया है, जिसमें हम समाज में, राजनीति में और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में महिलाओं की तरक्की का जश्न मनाते हैं. कार्यक्रम के अंत में प्रदेश विश्वविद्यालय के जेआरएफ उत्तीर्ण करने वाले 31 छात्र छात्राओं को सम्मानित किया |
कार्यक्रम के अंत में शोध समिति संयोजिका पवना शर्मा ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं का इस कार्यक्रम में आने पर आभार व्यक्त किया |



