
शिवरात्रि तो मनाई पर कई लोगों पर भांग भारी पड़ गई। नतीजा ये हुआ की उन्हें अस्पताल जाना पड़ा ।
शिमला में एक दर्जन लोगों पर भांग भारी पड़ गई। तबीयत खराब होने पर कुछ एक प्रभावितो को डॉक्टर को फोन करना पड़ा। और दो को आईजीएमसी की कैजुअल्टी तक जाना पड़ा। गला सूखने की शिकायत को लेकर मरीजों ने डॉक्टर से संपर्क किया किया। IGMC के casualty incharge डॉक्टर प्रवीण भाटिया का कहना है कि भांग का नशा काफी खतरनाक होता है जिसके इस्तेमाल से नर्वर सिस्टम के साथ-सथ गले पर भी प्रभाव पड़ता है। कई बार ऐसे केस भी सामने आए हैं जिसमें मरीज को भर्ती करना पड़ा है लिहाजा नशे का इस्तेमाल किसी भी त्यौहार को मनाने से संबंध को लेकर नहीं रखना चाहिए।
उधर शिवरात्रि का पर्व विभिन्न छोटे व बड़े शिव मंदिरों में धूमधाम से मनाया गया। सभी मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की अधिक मात्रा में भीड़ देखने को मिली। भक्तों ने बिलपत्र,भांग, धतूरा, दूध, इत्यादि चढ़ाकर शिव की पूजा अर्चना की।
जहां एक तरफ लोग भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिव मंत्र का उचारण करते हैं। वहीं दूसरी ओर कुछ लोग सिर्फ इस पर्व को नशा व नशे करने का दिन मानते हैं। ऐसा गलत है। भांग के नशे से प्रभावित कई लोगों को देखकर यह अंदेशा लगाया जा सकता है कि इसका इस्तेमाल करना कितना घातक हो सकता है।
वहीं, इसके विपरीत इस पर्व को नशा करके मनाने वाले भांग धतूरा का अधिक प्रयोग करने पर अस्पताल भी पहुंच जाते हैं। शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में भी भांग पी लेने के कारण अपनी सुध खो बैठे मरीजों का आना हर साल बना रहता है। भांग के इस्तेमाल में सबसे ज्यादा युवा वर्ग के लोग देखे जा रहे हैं जिसमें से जो मरीज प्रभावित हुए हैं उनकी उम्र 15 वर्षों से नीचे की है।
कई स्थानों पर लोग सड़क के किनारे बेहोशी की हालत में पाए गए। लोगों ने भांग के पकौड़े का सेवन अधिक मात्रा में कर लिया था
असर टीम से भारती…



