आगामी भविष्य के लिए नव पीढ़ी को विज्ञान व तकनीक के प्रति जागरूक करना जरूरी: कुलपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में वेबसेमिनार आयोजित

एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में सोमवार को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मौके पर स्कूल ऑफ साइंसेज की ओर से प्रो. डॉ. मनिंदर कौर और डीन प्रो. डॉ. रोहिणी धड़ेला की ओर से एक दिवसीय वेबसेमिनार का आयोजन किया गया। वेबसेमिनार का विषय टिकाऊ भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण रहा। इस वेबसेमिनार में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ एप्लाइड साइंसेज और मानविकी व युआईटी के विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. श्याम शरण ने वेबसेमिनार में बतौर मुख्य वक्ता शिरकत की जबकि एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान वेबसेमिनार में मुख्यातिथि रहे। वेबसेमिनार में एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के छात्रों और प्राध्यापकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की वहीं विश्वविद्यालय के कुलसचिव बलराम झा, शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो. डॉ. अनिल कुमार पॉल, परीक्षा नियंत्रक डॉ. अफ़ज़ल खान, विश्वविद्यालय के मुख्य सलाहकार इंजीनियर सुमन विक्रांत, प्रो. नील सिंह और विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष इस वेबसेमिनार में शामिल रहे। वेबसेमिनार की संचालिका डॉ. प्राची वैद रही। कुलपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान ने छात्रों, शिक्षकों और मुख्य वक्ताओं को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की बधाई देते हुए कहा कि भारत के महान वैज्ञानिक सी.वी. रमण का विज्ञान के क्षेत्र में योगदान को भुलाया नहीं जा सकता और वर्तमान पीढ़ी के लोगों और छात्रों को सी. वी. रमण की तरह वैज्ञानिक दृष्टिकोण को राष्ट्र व समाज के विकास में नई-नई वैज्ञानिक अनुसंधानों पर काम करना चाहिए। कुलपति चौहान ने कहा कि देश में विज्ञान के प्रति लोगों में रुचि और जागरुकता बढ़ाना ही राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मुख्य उद्देश्य है। विज्ञान और तकनीक को प्रसिद्ध करने के साथ ही देश के नागरिकों को इस क्षेत्र में मौका देकर नई ऊंचाइयों को हासिल करना इसका अहम उद्देश्य है। उन्होंने सी.वी. रमण के साइंस में रमण इफ़ेक्ट विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि छात्रों को सी.वी. रमण की तरह कड़ा परिश्रम करना चाहिए और विज्ञान के क्षेत्र में मानव जीवन के विकास के लिए नवाचारों पर अपनी वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना चाहिए। कुलपति चौहान ने कहा कि ग्रामीण बालक-बालिकाओं व नाव पीढ़ी में विज्ञान विषय पर जागरूकता बढ़ाने की दिशा में काम करने की जरूरत है ताकि वे भविष्य में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का सदुपयोग कर सकें । मुख्य वक्ता प्रो. डॉ. श्याम शरण वेबसेमिनार में छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि आज विज्ञान की बदौलत ही नई तकनीकों का विकास कर सभी क्षेत्रों में नए आयाम स्थापित किया जा रहे हैं। प्रो. श्याम शरण ने छात्रों और शिक्षकों को टिकाऊ भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण विषय और विज्ञान के विभिन्न दृष्टिकोणों पर अपने व्याख्यान और विज्ञान के विभिन्न पहलुओं पर डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म दिखाकर विज्ञान का मानव संसाधन और मानव जीवन विषयों पर प्रकाश डाला। प्रो. श्याम शरण ने बताया कि विज्ञान के बिना विश्व में कुछ भी संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि विज्ञान के कारण ही नई तकनीकें आई है और देश में हर क्षेत्र में विकास को बढ़ावा मिल रहा है। इस वेबसेमिनार में एपीजी शिमला विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अलावा पंजाबी विश्वविद्यालय, उत्तराखंड और हरियाणा के कॉलेजों के प्राध्यापकों और रिसर्च स्कॉलर ने विज्ञान के विभिन्न पहलुओं, नई तकनीकों और अपने नए वैज्ञानिक शोधों पर प्रस्तुति दी। गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक व एजुकेशनल सोसाइटी के केमिकल विभाग की ओर से डॉ. धीरज आहूजा, एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के रसायन विभाग व स्कूल ऑफ साइंस की ओर से शोधार्थी तिलक राज राणा ने विज्ञान के विभिन्न पहलुओं और मानव जीवन में विज्ञान आधारित दृष्टिकोण पर सर्वश्रेष्ठ मौखिक प्रस्तुतिकरण किया वहीं एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान व स्कूल ऑफ साइंसेज के शोधार्थी अतुल दुबे और स्कूल ऑफ साइंसेज में फोरेंसिक साइंस में बीएससी कर रहे मृदव ने विज्ञान विषय व तकनीक पर बेहतर पोस्टर प्रस्तुति दी। वेबसेमिनार के दूसरे सत्र में छात्र प्रतिभागियों ने विज्ञान संबंधित विषय विशेषज्ञों से जानकारी हासिल की और विज्ञान को तकनीक से जोड़ने जिससे मानव संसाधन और जीवन को सही दिशा में जिया जाए। वहीं छात्रों ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण को कैसे विकसित किया जाए से संबंधित जानकारी विभिन्न वक्ताओं से प्राप्त की। कार्यक्रम के संयोजक प्रो. डॉ. रोहिणी धड़ेला ने धन्यवाद ज्ञापित किया और सभी प्रतिभागियों, वक्ताओँ, प्राध्यापकों, अतिथियों, कुलपति प्रो. रमेश चौहान, प्रो. श्याम शरण सहित अन्य विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से वेबसेमिनार में जुड़े सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद किया।
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