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क्या है किसान कल्याण का ध्येय?

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देश में किसान कल्याण का ध्येय रखते हुए प्रधानमंत्री श नरेंद्र मोदी द्वारा प्रारंभ की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना आज कृषि क्षेत्र के विकास की अहम धुरी बन चुकी है।इसे लेकर भारत सरकार ने साफ किया है कि भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का प्रमुख योगदान रहा है। हमारे देश की वित्तीय और सामाजिक बनावट में कृषि क्षेत्र का महत्व अलग ही प्रदर्शित होता है। देश की खाद्य सुरक्षा अनाज उत्पादन पर निर्भर करती है। इस दिशा में उपयोगी, विस्तारित और व्यावहारिक कृषि क्षेत्र त्वरित गति से विकसित होना चाहिए, इस संकल्पना को मोदी जी की सरकार ने साकार किया है।

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      अपने किसानों को जलवायु की चुनौती से बचाने के लिए, हमारा फोकस बैक टू बेसिक्स और भविष्य की ओर ले जाने का मिश्रण है। केंद्र सरकार का फोकस देश के 80 फीसदी से ज्यादा छोटे किसानों पर है, जिन्हें सरकार की किसान हितैषी नीतियों की सबसे ज्यादा जरूरत है। यहीं वजह है कि पिछले सात साल से ज्यादा के मोदी सरकार के दो कार्यकाल में इन्हीं छोटे किसानों को केंद्र में रखकर नीतियां बनाकर योजनाओं और कार्यक्रमों को बेहतर ढंग से क्रियान्वित किया गया है। हाल ही में संसद में प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2022-23 ने भी कृषि क्षेत्र को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए जैविक खेती व डिजिटल कृषि प्रथाओं को अपनाने सहित कृषि क्षेत्र पर पर ध्यान केंद्रित किया है।

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      इस योजना के सकारात्मक परिणाम के साथ, भारत सरकार को इसे क्रॉस-कंट्री वेंचर के रूप में निष्पादित करने की आवश्यकता थी और भारत के वर्ष 2019 के अंतरिम केंद्रीय बजट के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनूठी पहल की गई। देशभर में सभी भूमिधारक किसान परिवारों को राजस्व समर्थन देकर किसानों की सहायता का विस्तार करने के लिए, उन्हें कृषि, बागवानी और संबंधित क्षेत्र के साथ-साथ घरेलू आवश्यकताओं से जुड़ी लागतों के खर्च से निपटने के लिए सशक्त बनाने हेतु यह आवश्यक था।

 

      किसान परिवारों के लिए पूरक आय सहायता की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री ने 24 फरवरी 2019 को किसानों के कल्याण के लिए महत्वाकांक्षी योजना- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना का गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) में एक करोड़ से अधिक किसानों को, प्रत्येक लाभार्थी को दो-दो हजार रूपये की पहली किस्त हस्तांतरित करके शुभारंभ किया था। इसके सफल कार्यान्वयन के लिए इसे विश्व बैंक सहित विभिन्न संगठनों से अपार समर्थन मिला है।

 

      पहले साल, 2018-2019 के लिए, इस योजना के तहत 20,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। अब तक 11.30 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसान परिवारों को राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों से 100% त्रुटि मुक्त, सत्यापित और वैध डेटा प्राप्त करने के बाद योजना का लाभ देते हुए कुल 1.82 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी की गई है। COVID अवधि के दौरान पीएम-किसान योजना के तहत किसानों को 1.29 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी गई है।

 

पीएम-किसान योजना को इसके आकार, तौर-तरीकों और तंत्र में निरंतर सुधार/परिवर्तन के साथ लागू किया

 

 

Deepika Sharma

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