असर विशेष: जब 60 वर्षीय बुजुर्ग कुछ महिलाए और 11 वर्षीय गुड़िया सर्दी से ठिठुरते हुए पिकअप के डाले मे आए
स्थानीय निवासी समीर रापटा की आंखों देखी....

आप सभी को विदित ही होगा कि काफ़ी दिनों से परिवहन की बसे मार्ग ठीक होने के बावजूद भी अपने गंतव्य तक नहीं पहुँच पा रही है।
समीर राप्टा के मुताबिक
आज की ही बात है – दो 60 वर्षीय बुजुर्ग कुछ महिलाए और 11 वर्षीय गुड़िया शाम के समय सर्दी से ठिठुरते हुए पिकअप के डाले मे आते है, ठंडी हवाओं का सामना करते हुए उछलते हुए आना पड़ रहा है, बुजुर्ग लोग महिलाए और बच्चे पुलबाहल से लिहाट या जोड़ना पैदल भी नहीं आ सकते क्योंकि शारीरिक क्षमता नहीं रहती।
जो लोग अपने व्यक्तिगत वाहनो मे आते है उन्हें ये कष्ट और समस्या का अनुभव नहीं है और अनभिज्ञ है,
समाज मे सभी के पास व्यक्तिगत वाहनों की सुविधा नहीं है केवल परिवहन की बसों पर निर्भर है उनका ध्यान या चिंता कौन करेगा, हमें जागरूक होना होगा आवाज बुलंद करनी पड़ेगी, समस्याओं से जूझना नहीं लड़ना सीखना होगा और उसका निवारण निकलना होगा।


