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योजना से युवाओं का रोजगार की तलाश में शहर की ओर पलायन रूका

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हिमाचल सरकार के मुताबिक प्रदेश के युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। युवाओं को रोजगार प्रदाता बनाने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना युवा उद्यमियों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना से युवाओं का रोजगार की तलाश में शहर की ओर पलायन रूका है और प्रदेश में एक नए तरह का वातावरण तैयार हो रहा है, जहां युवा स्वावलम्बन की राह पर आगे बढ़ते हुए रोजगार सृजन की दिशा में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। यह योजना प्रदेश में उद्यमिता को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध हो रही है। 

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इस योजना के अन्तर्गत युवाओं को विनिर्माण क्षेत्र, व्यापार व चिन्हित सेवा क्षेत्र में एक करोड़ रुपये तक की परियोजना पर लाभ प्रदान किया जा रहा है। प्रदेश के 18 से 45 आयु वर्ग के पुरूष तथा 18 से 50 वर्ष की महिलाएं इस योजना के लिए पात्र हैं। एक परिवार का एक व्यक्ति ही इस योजना का लाभ उठा सकता है। योजना के अन्तर्गत 60 लाख रुपये तक की मशीनरी व संयंत्र में निवेश करने पर पुरूषों के लिए 25 प्रतिशत, महिला उद्यमियों के लिए 30 प्रतिशत तथा विधवाओं को 35 प्रतिशत पूंजीगत उपदान का प्रावधान है और 60 लाख रुपये तक के ऋण पर तीन वर्षों तक पांच प्रतिशत ब्याज उपदान प्रदान किया जाता है। वर्ष 2021-2022 में योजना के अन्तर्गत तीन हजार युवा उद्यमियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 

इस योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी को निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन उद्योग विभाग के संयुक्त/उप-निदेशक अथवा जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक को आधार कार्ड की प्रति तथा हिमाचली प्रमाण-पत्र के साथ जमा करवानी आवश्यक है।

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मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना को विस्तार देते हुए अब लघु सेवा व व्यवसायिक उद्यमों की सूची में परिरक्षित चारा इकाइयों की स्थापना, उन्नत डेयरी विकास परियोजना, दूध और दुग्ध उत्पादनों के कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं की स्थापना, फार्म स्टे/एग्रो पर्यटन व फार्म पर्यटन, कृषि के लिए खुदरा दुकानों का निर्माण, कृषि उपकरणों व औजारों का निर्माण, सब्जी के पौध, नर्सरी तैयार करना, उत्तक संवर्द्धन प्रयोगशाला, कृषि उत्पादों का भण्डारण और परिवहन, इंटरनेट आॅफ थिंग्स आधारित वर्टिकल फार्मिंग, पेट्रोल पम्प, ईवी चार्जिंग स्टेशन, एम्बुलेंस, रेशम प्रसंस्करण इकाई, रेशम रीलिंग इकाईयां, आॅक्सीजन क्रायोजेनिक टेंकर सेवाएं, सर्वेयर यूनिट और ड्रिलिंग जैसी गतिविधियों को शामिल किया गया है। अब इस योजना के अन्तर्गत गतिविधियों की संख्या बढ़कर 103 हो गई है। 

योजना के तहत अब तक प्रदेश में 860.15 करोड़ रुपये निवेश के 4,862 मामले बैंकों द्वारा स्वीकृत किए गए हैं, जिससे प्रदेश के लगभग 14,551 लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। प्रदेश में लगभग 430 करोड़ रुपये के निवेश की 2,593 इकाईयां स्थापित की गई हैं, जिसमें 7,216 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है। योजना के अन्तर्गत अभी तक लगभग 147 करोड़ रुपये उपदान के रूप में प्रदान किए गए हैं। 

मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना का सरलीकरण कर इसे सुगम बनाया गया है, जिससे प्रदेश के और अधिक युवा उद्यमी इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। प्रदेश के युवा उद्यमियों के लिए यह योजना संजीवनी का कार्य कर रही है और प्रदेश को उद्यमी केंद्र के रूप में बदलने की नींव भी तैयार कर रही है। युवा उद्यमी प्रदेश के कुशल और अर्द्ध-कुशल लोगों को रोजगार प्रदान कर बेरोजगारी की समस्या का भी समाधान कर रहे हैं। 

मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना से युवाओं की आर्थिकी सुदृढ़ हो रही है और प्रदेश के विकास को भी संबल मिल रहा है। इस योजना का साथ पाकर युवा उद्यमी आत्मनिर्भर हिमाचल के सपने को साकार करने की दिशा में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं। 

 

 

Deepika Sharma

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