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सतीश रत्न और आत्मा रंजन की पुस्तकों का लोकार्पण और कवि गोष्ठी

हिमालय साहित्य एवं संस्कृति मंच(पंजीकृत)द्वारा आज रविवार 7 मार्च, 2021 को दोपहर दो बजे रोटरी टाउन हॉल शिमला में दो पुस्तकों के लोकार्पण के साथ कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। पुस्तकों में सतीश रत्न का गजल संग्रह “रात को रात कहो” और आत्मा रंजन की कविता पुस्तक “पगडंडियां गवाह है” का पंजाबी में अनुवाद “पगडंडियां गवाह ने”, जिसे पंजाबी के प्रख्यात साहित्यकार डा. अमरजीत कौंके द्वारा किया गया है, का सुदर्शन वशिष्ठ, विद्या निधि छाबड़ा, मनमोहन सिंह और एस आर हरनोट द्वारा मिल कर किया गया जिन्होंने इन कृतियों पर विस्तार से बात भी की। सतीश रत्न की ग़ज़ल की यह दूसरी किताब है। उनकी पहली किताब को भी पाठकों की खूब सराहना मिली। आत्मा रंजन का यह कविता संग्रह देश भर में व्यापक रूप से चर्चित रहा है और इसके लिए उन्हें कई प्रतिष्ठित सम्मानों से भी सम्मानित किया गया है। सतीश रत्न ने लोकार्पित पुस्तक में से अपनी कई गजलों का पाठ किया और आत्मा रंजन की पंजाबी में अनुदित कविताओं का पाठ डॉ. विद्या निधि ने किया। पहले सत्र का मंच संचालन कवि सीता राम शर्मा ने किया।
दूसरे सत्र में कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें वरिष्ठ कवियों सहित बहुत से युवा रचनाकारों ने अपनी रचनाएं, क्षणिकाएं और गजलें सुनाई। इन रचनाओं में कोरोना समय की भयावहता, वर्तमान सत्ताओं की विद्रूपताएं, जीवन और प्रेम के विभिन्न रंगों का समावेश था।
रचनाकारों में सुदर्शन वशिष्ठ, मनमोहन सिंह, विद्या निधि, गुप्तेश्वर नाथ उपाध्याय, ओम भारद्वाज, जगदीश बाली(कुमारसैन), कुलदीप गर्ग तरुण(अर्की),
नरेश दयाेग (सुन्नी भज्जी), दिनेश शर्मा, गुलपाल वर्मा, दीप्ति सारस्वत, सीताराम शर्मा,
वंदना राणा, अभिमन्यु राणा, डा.विकास, डॉ.रोशन लाल जिंटा, अश्वनी शर्मा, ओम प्रकाश शर्मा, देव राज संसालवी, अनिता शर्मा, नीता अग्रवाल, स्नेह नेगी, धनजय सुमन, वीरेंद्र कुमार, राहुल आनंद, साहिल वर्मा, यादव, हर्ष ठाकुर, प्रियंका शर्मा, राहुल आनंद, जैनव, जय भारती, संगीता, शिवेन, हरीश टिल्टा आदि ने रचनापाठ किया। कवि गोष्ठी का संचालन आत्मा रंजन ने किया। गोष्ठी में प्रख्यात कवि अज्ञेय को उनके जन्मदिन पर बहुत सम्मान से याद किया गया।
हिमालय मंच का यह इस वर्ष का पहला सार्वजनिक आयोजन था जो 2 बजे से 6.30 बजे तक चला।



