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IGMC शिमला घटना पर डॉक्टर संगठनों में रोष, SAMDCoT ने जारी किया कड़ा बयान

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शिमला।
IGMC शिमला में हाल ही में घटी एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर State Association of Medical and Dental College Teachers (SAMDCoT) ने गंभीर चिंता जताई है। संगठन ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि अस्पताल में कार्यरत डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को भीड़ के दबाव, वीडियो रिकॉर्डिंग और सोशल मीडिया पर फैल रही भ्रामक जानकारी के कारण मानसिक व पेशेवर प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है।

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SAMDCoT ने स्पष्ट किया कि उक्त मामले में डॉक्टरों द्वारा उपचार में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती गई। इसके बावजूद कुछ लोगों द्वारा “भीड़ का न्याय” करने की कोशिश की गई, जो न केवल अनुचित है बल्कि कानून व्यवस्था और चिकित्सा व्यवस्था दोनों के लिए खतरनाक है।

संगठन ने आरोप लगाया कि इलाज के दौरान डॉक्टरों की अनधिकृत वीडियो रिकॉर्डिंग की गई, जिसे बाद में सोशल मीडिया पर गलत संदर्भ में प्रसारित किया गया। इससे डॉक्टरों की गोपनीयता, सुरक्षा और गरिमा का गंभीर उल्लंघन हुआ है। साथ ही अस्पताल परिसर में शोर-शराबा और हंगामे के कारण अन्य मरीजों की चिकित्सा सेवाएं भी प्रभावित हुईं।

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SAMDCoT ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर एडिटेड और AI जनरेटेड वीडियो के प्रसार से डॉक्टरों की छवि धूमिल की जा रही है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में भय और अविश्वास का माहौल बन रहा है।

संगठन की मांग और अपील

  • घटना की निष्पक्ष और तथ्यात्मक जांच की जाए

  • अस्पताल परिसर में अनुशासन और सुरक्षा सुनिश्चित की जाए

  • डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ किसी भी प्रकार की बदसलूकी पर सख्त कानूनी कार्रवाई हो

  • मीडिया और आम जनता अफवाहों से बचें और सत्यापित जानकारी पर ही भरोसा करें

संगठन ने चेतावनी दी कि यदि डॉक्टरों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित नहीं किया गया, तो इसका सीधा असर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ेगा। SAMDCoT ने सरकार और प्रशासन से डॉक्टरों को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने की मांग की है।

Deepika Sharma

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