ASAR Exclusive : हिमाचल के कुछ जिले ‘ स्कूल्स टॉबैको फ्री मिशन’ में फिसड्डी , जानिए कौनसे
कुछ ज़िलों का बेहतर प्रदर्शन

हिमाचल के कुछ जिले ‘ स्कूल्स टोबैको फ्री मिशन’ में फिसड्डी साबित हुए है, अब सिर्फ 10 दिन बचे है—जिसमें सोलन की परफॉर्मेंस सबसे चौंकाने वाली सामने आई है
हिमाचल प्रदेश में शिक्षा संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए चल रहा 60-दिवसीय विशेष अभियान का पहला भाग अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। लक्ष्य के अनुसार प्रत्येक जिले को 400 स्कूलों/संस्थानों को टोबैको-फ्री घोषित करना है (लाहौल–स्पीति का लक्ष्य 232 और किन्नौर का 265)।
लेकिन ताज़ा पोर्टल रिपोर्ट ने कई जिलों की चिंताजनक तस्वीर सामने रख दी है।
ये जिले बन रहे मिशन के ‘ब्रेक’
रिपोर्ट में जिन जिलों का प्रदर्शन निराशाजनक दिखाया गया है उससे सोलन, किन्नौर, सिरमौर, कुल्लू, बिलासपुर और LSP—वे अभियान में लगभग निष्क्रिय नज़र आ रहे हैं।
कई जिलों में 25 नवंबर से लेकर 26 नवंबर तक एक भी सुधार नहीं,
कुछ में आंशिक सुधार,
और कुछ में लगातार शून्य प्रगति दर्ज की गई।
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि सोलन, जो निजी व सरकारी शिक्षण संस्थानों का बड़ा हब है,
—मिशन के असली परफॉर्मर
इसके उलट कांगड़ा, मंडी, शिमला, चंबा, ऊना और हमीरपुर जैसे जिलों ने लगातार सुधार दिखाया है और लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ रहे हैं।
बस 10 दिन बचे — मिशन क्रिटिकल फेज़ में
60 दिन में 400 संस्थान तंबाकू-फ्री करने का लक्ष्य अब मुश्किल होता दिख रहा है।

कौन से जिले आगे हैं? — आंकड़े बोल रहे हैं (यानी की 27 जुलाई तक की रिपोर्ट के मुताबिक़)
दो दिनों में सबसे अच्छी प्रगति इन जिलों में दर्ज की गई:
कांगड़ा: 1677 से बढ़कर 1686 (9 की वृद्धि)
मंडी: 656 से 682 (26 की वृद्धि)
शिमला: 628 से 639 (11 की वृद्धि)
चंबा: 262 से 450 (188 की जबरदस्त वृद्धि)
ऊना: 419 से 435 (16 की वृद्धि)
हमीरपुर: 394 से 429 (35 की वृद्धि)
ये जिले लक्ष्य के करीब पहुंचते दिख रहे हैं और अभियान को गति दे रहे हैं।
और अब देखिए धीमे व पिछड़े जिलों की कहानी — आंकड़े चौंकाने वाले
1️⃣ बिलासपुर
350 → 350
दो दिनों में शून्य प्रगति, 24 नवंबर से कोई सुधार नहीं
2️⃣ सिरमौर
125 → 229
बढ़ोतरी तो हुई है, लेकिन अभी भी लक्ष्य से 171 संस्थान दूर
3️⃣ किन्नौर
133 → 229
96 की वृद्धि, पर लक्ष्य (265) से काफी पीछे
4️⃣ सोलन
154 → 156
दो दिनों में सिर्फ 2 संस्थान — इतने बड़े शिक्षा हब के लिए बेहद धीमी रफ्तार
25 नवंबर के बाद कोई विशेष सुधार नहीं
5️⃣ कुल्लू
154 → 154
शून्य प्रगति, कोई नया संस्थान तंबाकू-मुक्त घोषित नहीं हुआ
6️⃣ लाहौल–स्पीति (LSP)
21 → 30
केवल 9 की वृद्धि — जबकि लक्ष्य 232 है
अब तक केवल 13% लक्ष्य हासिल
सबसे बड़ी चिंता — सोलन की स्थिति
सोलन, जहां सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थानों की संख्या सबसे अधिक है, वहां दो दिनों में सिर्फ 2 संस्थान तंबाकू-मुक्त हुए।
कुल तस्वीर क्या कहती है?
6 जिले ठीक-ठाक गति पर
6 जिले गंभीर रूप से पीछे
कई जिलों में “No improvement since Nov 24/25”
अभी भी 400 के लक्ष्य से कई जिले 200 से भी पीछे



