खास खबर : आय है नहीं तो टैक्स कैसा ? डॉक्टर्स भी हुए हैरान
हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन ने अन्य कर्मचारी संगठनों के साथ उठाया मुद्दा

“अंग्रेजों के लगान “के जैसा है सरकारी कर्मचारी के एनपीएस फंड पर इनकम टैक्स लेना::ड़ॉ पुष्पेंद्र वर्मा
डॉ पुष्पेंद्र
हिमाचल प्रदेश चिकित्सक संघ सरकार के इस निर्णय की घोर निंदा व विरोध करता है जिसमें के एनपीएस पर लगे हमारे कर्मचारियों का एंपलॉयर द्वारा देय 14% एनपीएस फंड को कर्मचारी की प्रतिमाह आय में दिखाया जा रहा है, और साथ में हर कर्मचारी से उस पर इनकम टैक्स वसूला जा रहा है। प्रदेश महासचिव डॉ पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा यह दिखाता है कि हमारी सरकारें हमारे कर्मचारियों के प्रति कितना गंभीर हैं। पहले तो हमारे चिकित्सकों को मात्र ₹26250 के कॉन्ट्रैक्ट पर रखा जा रहा है और पूरे प्रदेश के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियो को मिलने वाले 150% ग्रेड पे को भी हमारे चिकित्सकों को नहीं दिया जा रहा है।लेकिन इक बार फिर जोर का झटका धीरे से देते हुए इस बार सभी सरकारी कर्मचारियों जो कि एनपीएस के तहत आते हैं को लपेटे में लेते हुए उनसे जबरदस्ती इस एम्प्लोयेर फंड पर भी इन्कमटैक्स वसूला जा रहा है ,और वो भी अचानक एक साथ फ़रवरी के वेतन के साथ। सबसे हास्यास्पद बात तो यह है कि हर सरकारी कर्मचारी उस आय पर टैक्स देने पा मजबूर है जो आय कभी उसके हाथ में आई ही नहीं,और ना ही वह आएगी। क्योंकि एनपीएस के तहत जो सरकारी कर्मचारी आते हैं रिटायरमेंट के बाद अपने एनपीएस फंड का केवल मात्र 50% ही निकाल सकते हैं और बाकी वैसे का वैसा ही रह जाता है जिसके हिसाब से फिर कर्मचारी को पेंशन मिलती है ।हिमाचल प्रदेश चिकित्सक संघ प्रदेश के अन्य सभी कर्मचारी संघों के साथ इस मुद्दे में कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है और सरकार को हम चेताते हैं कि एक तो आप वैसे ही पुरानी पेंशन को बहाल नहीं कर रहे हैं ऊपर से हर दिन कोई ना कोई नया तुगलकी फरमान जारी कर के कर्मचारियों के हितों से खिलवाड़ किया जा रहा है और इस बार का यह कदम जबरदस्ती अंग्रेजों की तरह “लगान” वसूलने वाला है ,तो हमारा सरकार से अनुरोध है कि जल्द से जल्द इस आदेश को वापस लिया जाए ताकि प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को इससे राहत मिले क्योंकि इसका बोझ हर एक कर्मचारी पर महीने 500 से लेकर ₹1500 तक इन्कम टैक्स के रूप में पड़ रहा है। डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा कि आय जो कभी सरकारी कर्मचारी के हाथ में आती ही नहीं है उस पे टैक्स तो “कंगाली में आटा गीला करने वाली बात हो गई”।इक तरफ बरसों से कर्मचारी पुरानी पेनशन बहाली की मांग कर रहे हैं और सरकार नये बोझ डाल रही है।


