नए कानूनों की बारीकियाँ सीख रहे सतर्कता अधिकारी — आधुनिक अन्वेषण में हिमाचल ने बढ़ाया कदम

नए कानूनों की बारीकियाँ सीख रहे सतर्कता अधिकारी — आधुनिक अन्वेषण में हिमाचल ने बढ़ाया कदम
शिमला।
हिमाचल प्रदेश में कानून प्रवर्तन एजेंसियां अब आधुनिक अन्वेषण की दिशा में ठोस कदम उठा रही हैं। इसी कड़ी में राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार रोधक ब्यूरो, शिमला ने अपने अधिकारियों के लिए तीन दिवसीय विशेष प्रशिक्षण
कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के नए प्रावधानों पर गहन चर्चा हुई।
इस प्रशिक्षण का उद्देश्य अधिकारियों को बदलते कानूनी ढांचे के अनुरूप तैयार करना और जांच प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, निष्पक्ष व तकनीकी रूप से सक्षम बनाना था।
कार्यक्रम का शुभारंभ पुलिस अधीक्षक श्री वीरेंद्र कालिया ने किया। उन्होंने कहा कि “नवीन कानूनों की सटीक समझ ही निष्पक्ष न्यायिक प्रक्रिया की नींव है।”
स्पेशल इन्वेस्टिगेशन विंग की ओर से आयोजित इस प्रशिक्षण में विभिन्न इकाइयों से 26 अन्वेषण अधिकारी शामिल हुए। सत्रों का संचालन सीडीटीआई चंडीगढ़ के डीएसपी संजय शर्मा, संयुक्त निदेशक अभियोजन संदीप अत्री, पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय पालमपुर के वरिष्ठ प्रशिक्षकगण, तथा राज्य फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला जुन्गा के विशेषज्ञ आशीष मौहिला ने किया।
श्री मौहिला ने डिजिटल अन्वेषण और साइबर फॉरेंसिक पर विशेष सत्र लेकर अधिकारियों को तकनीकी पहलुओं से अवगत कराया।
एएसपी नरवीर सिंह राठौर, प्रशिक्षण समन्वयक, ने बताया कि सतर्कता ब्यूरो अपने अधिकारियों की दक्षता और अन्वेषण गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए ऐसे कार्यक्रम लगातार आयोजित करता रहेगा।
तीन दिवसीय कार्यक्रम को प्रतिभागियों ने अत्यंत उपयोगी और ज्ञानवर्धक बताया, जिससे उन्हें न केवल नए कानूनों की समझ मिली बल्कि आधुनिक अन्वेषण पद्धतियों का व्यावहारिक अनुभव भी प्राप्त हुआ।




