जाखू में 40 फुट ऊँचे रावण के पुतले का दहन

भारत में मनाए जाने वाले अनेक त्यौहार और संस्कार हमेंजीवन को श्रेष्ट बनाने की प्रेरणा देते है l इनमें से विजयदशमी कात्यौहार जोकि हर वर्ष अश्विनी मास के शुक्ल पक्ष की दशमी कोमनाया जाता है l इस त्यौहार को सभी बड़े हर्ष और उल्लास के साथमानते है
वीरवार को राजधानी में भी विजयदशमी का पर्व बड़े धूमधाम से मानया गया l हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी रावण, मेघनाथ, कुंभकर्ण के पुतलों को जाखू मंदिर में सजाया गया l इस अवसर परभारी संख्या में लोगो का हजूम दखने का मौका मिला l दशहरा उत्सवके दौरान मुख्य मंत्री की ओर से शाम 7 बजे पुतलों का देहन कियागया l इस बार जाखू में 40 फुट ऊँचे पुतले बनाए गए l
संकट मोचन मंदिर में भी हर वर्ष की भांति दशहरा उत्सव कीधूम देखने को मिली l टूटीकंडी रेजिडेंट्स वेल्फेयर सोसाइटी के द्वारादशहरा महोत्सव तथा खेल प्रतियोगिताओ का आयोजन टूटीकंडी केजंगली ग्राउंड में आयोजित किया जाएगा l माननीय विधायक हरीशजनारथा जी मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करेंगे l उप महापौर श्रीमति उमा कौशल सम्मानित अतिथि के तौर पर शिरकत करेंगी l सांय7 बजे रावण देहन किया जाएगा l
खेल प्रतियोगिताओ के मुख्य आकर्षण Race, Lemon Race, Zig Zag Race, Daddu Race, hurdle Race, Bori Race, Three Leg Race, Skipping, Hit Wicket, Javelin Throw, Football (Goal), Shot Put, Musical Chair महिलाओं व बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगी l महिलाएं वह बच्चे इन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते हैं
हम हर वर्ष विजयदशमी का पर्व मनाते हैं, क्या कभी हमने काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, हठ, बदले की भावना, कपट, क्रूरता, कलह आदि विचारों का दमन किया है, शायद कभी नहीं ? इन दससिरों को काटने का तरीका है इनका पोषण करने वाले देहभिमान रूपी कुंड को ज्ञान के तीरों से नष्ट कर देना l
तो आइए, इस विजयदशमी के पर्व पर हम सभी यह दृढ़ प्रतिज्ञा करें, कि हम अपने मैं विद्यमान मनोविकार रूपी रावण के दससिरों का नाश करेंगे और माया के चंगुल में फंसे हुए मनुष्य को पूर्वपवित्रता का ईश्वरीय संदेश सुनाकर रावण की इस माया नगरी पर परमात्मा श्री राम की विजय ध्वज फहराएंगे l
जब तक हम इन सब विचारों को नष्ट नहीं करते तब तक विजयदशमी का पर्व एक महज़ परंपरा के तौर पर निभा रहे हैं
जसवीर सूद (डिंपल सूद )


