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हिमाचल के वैज्ञानिक राकेश ठाकुर को राष्ट्रीय राजभाषा गौरव पुरस्कार

तकनीकी हिंदी में लिखी गई पुस्तक "उच्च तनाव-दर पर अभियंत्रिकी पदार्थों का परीक्षण" के लिए मिला सम्मान

शिमला, 15 सितम्बर 2025
हिंदी तकनीकी साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ रक्षा वैज्ञानिक  राकेश कुमार ठाकुर को भारत सरकार द्वारा राजभाषा गौरव पुरस्कार-2024 से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार उन्हें हिंदी दिवस-2025 के अवसर पर गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित पांचवें अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन में कानून एवं न्याय मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा संसदीय कार्य मंत्रालय के राज्य मंत्री  अर्जुन राम मेघवाल द्वारा प्रदान किया गया।
यह सम्मान श्री ठाकुर की तकनीकी हिंदी में प्रकाशित पुस्तक “उच्च तनाव-दर पर अभियंत्रिकी पदार्थों का परीक्षण” के लिए दिया गया है। यह पुस्तक रक्षा अनुसंधान में प्रयुक्त High Strain Rate (उच्च तनाव-दर) परीक्षण विधियों तथा संबंधित तकनीकों पर आधारित है, जिसे लेखक ने अत्यंत सहज और बोधगम्य हिंदी में प्रस्तुत किया है।
पुस्तक में SHPB (Split Hopkinson Pressure Bar) तकनीक के सिद्धांत, संरचना, प्रयोग विधि और उससे संबंधित गणनाओं को सरल भाषा में समझाया गया है। इसमें विस्फोटक, एल्यूमिनियम, पॉलियूरीथेन फोम आदि पर किए गए परीक्षणों के व्यावहारिक परिणाम शामिल हैं। साथ ही, शॉक ट्यूब, विस्फोट शमन तकनीकें, ब्लास्ट लोडिंग, तथा की-स्ट्रेन लैमिनेट्स जैसे जटिल विषयों को भी स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया गया है।
यह पुस्तक न केवल वैज्ञानिकों और अभियंताओं के लिए बल्कि रक्षा अनुसंधान, निर्माण, परीक्षण, एवं डिज़ाइन से जुड़े तकनीकी संस्थानों, शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए भी अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी। विषय को और अधिक समझने योग्य बनाने के लिए इसमें हिंदी तकनीकी शब्दों के साथ देवनागरी में उनके अंग्रेज़ी समकक्ष शब्द भी सम्मिलित किए गए हैं, तथा अंत में एक तकनीकी हिंदी शब्दकोश भी संलग्न है।

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श्री राकेश ठाकुर का जन्म 1981 में हिमाचल प्रदेश के सुंदरनगर में हुआ। उन्होंने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, हमीरपुर से 2004 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक उपाधि प्राप्त की, तथा 2003 में ही DRDO में वैज्ञानिक ‘बी’ के पद पर नियुक्त हो गए। वर्ष 2010 में उन्हें पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा “युवा वैज्ञानिक पुरस्कार” से सम्मानित किया गया।
श्री ठाकुर ने विस्फोटक सामग्री, शमन प्रणालियाँ, गैस-चालित शॉक ट्यूब, ब्लास्ट पैनल, तथा एटीडी (ATD) जैसे विषयों पर नवाचारपूर्ण कार्य किए हैं। 2023 में उनका एक पेटेंट स्वीकृत हुआ, और अमेरिका में ब्लास्ट परीक्षणों के दौरान मानव शरीर पर प्रभाव के अध्ययन में भी उन्होंने उल्लेखनीय योगदान दिया है।
राकेश ठाकुर हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के करसोग उपमंडल स्थित एक छोटे से गाँव ममैला के निवासी हैं। वे पिछले 21 वर्षों से रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) में कार्यरत हैं और वर्तमान में ‘वैज्ञानिक-एफ’ के पद पर नियुक्त हैं। उनका परिवार देश सेवा की गौरवशाली परंपरा से जुड़ा है — उनके बड़े भाई भारतीय सेना में कर्नल के पद पर कार्यरत हैं।

Deepika Sharma

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