शिमला में अमृतवाणी सत्संग…
16 व 17 अक्तूबर को सत्संग का कार्यक्रम अग्रवाल सभा , लौंग वुड , शिमला में व दो दिवस सत्संग का कार्यक्रम का होगा आयोजन

अमृतवाणी सत्संग ,श्रीराम शरणम , श्रीराम शरणम ,श्री राम पार्क ,लुधियाना सत्संग के प्रमुख सन्त श्री अश्वनी बेदी जी महाराज के तत्वावधान में दो दिवस 16 व 17 अक्तूबर सत्संग का कार्यक्रम अग्रवाल सभा , लौंग वुड , शिमला में व दो दिवस सत्संग का कार्यक्रम 6 व 7 नवम्बर को पालमपुर रोटरी क्लब में हो रहा है , यह जानकारी शिमला से अग्रवाल सभा के प्रधान श्री गोपाल अग्रवाल जी ने दी । उन्होंने कहा कि सन्त श्री अश्वनी बेदी जी महाराज राम नाम के उपासक , अपने सत्संगों में माता पिता की सेवा व देश सेवा की प्रेरणा देते हैं फिर नाम जाप की महिमा का वर्णन अति उत्तम ढंग से समझते हैं ।
सन्त बेदी जी की वाणी है कि विचारवान मनुष्य को चाहिए कि अपने चित को चिंताओ से चंचल ना करें।वह अपने कर्तव्य कर्मो का तो अवश्य पालन करे परन्तु भविष्य के व्यर्थ भय अपने मन में ना खड़े करता रहे। संत बेदी जी ने कहा कि जो मनुष्य श्री भगवान के भरोसे पर निर्भरहोकर अपने काम काज करते है और फलाफल उसी पर छोड़ देते है ऐसे भक्त की पालना परम पिता परमात्मा आप किया करता है। भगवान श्री कृष्ण चंद्र जीमहाराज का ” गीता ” के नोवे अध्याय में उपदेश है कि “जो अनन्य भाव युक्तजन मुझको चिंतन करते हुए मुझे आराधते है ; उन सदा मुझमें रहने वालेउपासको का योगक्षेम मैं चलाता हूँ।”संत बेदी जी ने कहा कि जो अपने मन को भक्ति भाव शुभ भावना से भरपूर करके राम नाम जपते है उनके शरीर का निर्वाह स्वयं श्री भगवान करते है। जो कुछ उनके पास है उसकी रक्षा भी श्री भगवान ही करते है।
संत बेदी जी ने कहा कि स्वामी सत्यानन्द जी कहा करते ,,जो प्रभु को स्मरण करते है वे किसी के भी मोहताज नही होते ,वे तो किसी का भी सहारा नही ढूढ़ते।क्यों कि वे तो सबके बादशाह है। संत बेदी जी ने कहा कि प्रभु का सिमरन करने से सारे कारज पूर्ण हो जाते है। राम राम जपते रहने से मनुष्य कभी भी गम , फिकर -चिंता के वशीभूत नही होता।
‘अमृतवाणी ‘ग्रंथ में उपदेश है:-
“राम राम जपे चिंता चूरक,चिंता मणि चित्त चिंतन पूरक।”
संत अश्वनी बेदी जी महाराज ने कहा कि राम नाम का जाप गम -फिकर -चिंता को चूर करने वाला है।प्रत्येक अभिलाषा को पूर्ण करने वाला है और चित को ध्यान से भर देने वाला है। जो भगवान जगत के सब जीवों को खाने के लिए अन्न देता है , पीने के लिए जल देता है और जीने के लिए प्राण बख्शता है वही मेरा दाता राम मेरे लिए सब सुखो का विधान करता है।इन भावनाओ के साथ चिंता का त्याग करके खूब राम नाम जपो और अपने काम काज करो।



