अकाल एकेडमिज द्वारा ग्रामीण पंजाब के बच्चों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्किल्स सीखने की पेशकश

अपनी तरह की एक अनोखी पहल के अंतर्गत, ग्रामीण पंजाब में एक सौ से भी अधिक स्कूलों की श्रृंख्ला वाले अकाल एकेडमी ने यूएसए से लौटे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) विशेषज्ञ डाॅ संदीप सिंह संधा के सहयोग से स्टूडेंट्स को आर्टिफिश्यिल इंटेलिजेंस एआई कौशल प्रदान करने का बीड़ा उठाया है। नये एज्यूकेशनल वर्ष 2025-26 से पंजाब में एक सौ से भी अधिक अकाल एकेडमियों में कक्षा सात से बारहवीं तक के स्टूडेंट्स को आईआईटी रुड़की के पास आउट और लाॅस एंजिल्स से एआई में डाॅक्टरेट की उपाधि प्राप्त डाॅ संधा से एआई के गुर सीखने को मिलेंगें।
कलगीधर ट्रस्ट के अध्यक्ष डा दविंदर सिंह ने डाॅ संदीप और उनकी धर्मपत्नी डॉ इंदरजोत कौर से उनके फिरोजपुर स्थित गांव जीवन अरियान में मुलाकात की और इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की।
एबैकस.एआई, अमेज़न, एआरएम, टेराडाटा, आईबीएम, और ओरेकल में एआई रिसर्च को लीड करने के बाद डाॅ संधा की एआई रिसर्च को विश्व स्तर पर मान्यता मिली है। उनकी रिसर्च को प्रोडक्शन, रोबोट को कंट्रोल करने से लेकर सटीक एग्रीकल्चर स्ट्रैटेजिस को डिजाइन करने में उपयोग में लाया जा रहा है।
कैलिफोर्निया में ही एआई पर उनके रिसर्च वर्क, विशेष रूप से मैंगों लाइब्रेरी का उपयोग सैमसंग और आईफोन स्मार्टफोन सहित अरबों उपकरणों को संचालित करने वाले कामरशियल सीपीयू डिजाइन करने में किया जाता है।
डॉ संधा टॉप के एआई सम्मेलनों के लिये प्रोग्राम कमेटी मेंबर के रुप में कार्य करते हैं और क्षेत्र की अग्रणी पेपर्स के लिये समीक्षक के रूप में कार्य करते हैं और जाने माने कंप्यूटर साइंस पत्रिकाओं में उनके पचास से भी अधिक रिसर्च पेपर छप चुके हैं।
उन्होंने खुद को अपनी मातृभूमि को वापस देने के लिये समर्पित कर दिया है और इस साल जनवरी में अमेरिका से पंजाब में अपने गांव में बसने का मन बना लिया है। उन्होंनें पंजाब में एआई एक्सीलेंस प्रोग्राम शुरु कर दिया है और वे न केवल स्कूली छात्रों को सिखा रहे हैं बल्कि एआई पर देश भर के आईआईटी को भी मार्गदर्शन दे रहे हैं।
डाॅ संधा और उनकी धर्मपत्नी डा इंद्रजोत कौर, जिन्होंनें नार्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी से मास्टर्स और मिसिसिपी स्टेट यूनिवर्सिटी से पीएचडी और पोस्ट डॉक्टरल की डिग्रियां हासिल की है, अब पंजाबी स्टूडेंट्स को इस कार्यक्षेत्र में दक्षता प्रदान करवाने में भरसक प्रयास करेंगें। इस दंपति ने देश की पुकार पर अमेरिका में मोटी रकम वाली नौकरी छोड़ अपनी देश की मिट्टी से जुड़ने का मन बना लिया है।
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