विधान सभा की कार्यवाही देखने आए एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं, विधान सभा अध्यक्ष से पूछे सवाल

विधान सभा की कार्यवाही देखने आए एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं, विधान सभा अध्यक्ष से पूछे सवाल
शिमला, मार्च 23
एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार और कानून की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं तथा प्राध्यापकों और एपीजी शिमला विश्वविद्याल की डीन ऑफ स्टूडेंट वेल्फेयर डॉ. नीलम रत्न शर्मा ने हिमाचल प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से विधान सभा परिसर में मुलाकात की। इस शिष्टाचार भेंट के दौरान डॉ. नीलम रत्न शर्मा ने विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को पुष्पगुच्छ भेंट की। छात्र-छात्राओं से संवाद करते हुए विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा तथा मजबूत लोकतन्त्र है, लोक-सभा, विधान -सभा इसके सबसे बड़े मन्दिर हैं। कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि आज भारत की आबादी एक अरब 40 करोड़ है। आज सबसे ज्यादा युवा हमारे देश में हैं इसलिए भारत को युवाओं का देश भी कहा जाता है। पठानियां ने कहा कि लोक – सभा व विधान -सभा लोकतन्त्र के सबसे बड़े मन्दिर हैं जहाँ देश के विभिन्न भागों से निर्धारित निर्वाचन क्षेत्रों से लोक सभा तथा विधान सभा में चुनकर आते हैं तथा ये चुने हुए सदस्य लोक सभा व विधान सभा का गठन करते हैं। पठानिया ने कहा कि कानून बनाने का अधिकार केवल चुने हुए प्रतिनिधियों के पास है अर्थात लोक सभा तथा विधान सभा ही कानून बना सकती है। पठानियां ने कहा कि हमारी संसदीय प्रणाली संघीय ढाँचे पर आधारित है जिसमें राज्य तथा संघ शामिल हैं। इस अवसर पर छात्रा-छात्राओं ने विधान सभा अध्यक्ष से विधान सभा व लोकसभा की प्रक्रिया संबंधित प्रश्न भी पूछे जिनका उन्होने सिलसिलेवार जवाब दिया। इस अवसर पर कुछ पत्रकारों से बात करते हुए पठानियां ने कहा कि जिस तरह छात्र – छात्राएँ तथा युवा सदन की कार्यवाही देखने के लिए आकर्षित हो रहे हैं तथा हर रोज सौ के करीब विद्यार्थी यहाँ सदन की कार्यवाही देखने आ रहे हैं यह लोकतान्त्रिक प्रणाली की मजबूती का सबब है तथा युवाओं का इस प्रणाली में अटूट विश्वास है।
छात्र छात्राओं से संवाद करते हुए पठानिया ने कहा जिस तरह छात्र छात्रों ने अपने प्रश्नों में जिन ज्वलंत विषयों को उन्होने उठाया और उस पर चर्चा कर समाधान खोजने का प्रयास किया वह अनुकरणीय एवं सराहनीय था। पठानिया ने कहा कि सभी लोकतांत्रिक प्रणाली को जाने, समझें तथा इससे रूबरू हों ताकि इस प्रणाली के महत्व को हर जन तक पहुँचा सकें। इस संवाद के बाद विधान सभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सभी छात्र छात्राओं व प्राध्यापकों को सदन की कार्यवाही देखने के लिए आमंत्रित किया। कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि लोकतंत्र तथा संसदीय प्रणाली की मजबूती के लिए अखिल भारतीय स्तर के पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन समय-समय पर विभिन्न स्थलों पर आयोजित करने चाहिए तथा सीधी चर्चा व संवाद से लोकतंत्र की बेहतरी के लिए जो भी निष्कर्ष निकलता है उसको पूर्ण इच्छा शक्ति से अपनाना चाहिये और समय की नजाकत को देखते हुए उसमें संशोधन भी करने चाहिए। कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि सदन ही एक ऐसा सर्वोत्तम स्थान है जहां चुने हुए प्रतिनिधि जनहित से जुड़े मुद्दों को उठा सकते हैं तथा उनका समाधान भी सम्भव हो पाता है। इस अवसर पर कुलदीप सिंह पठानिया ने छात्र-छात्राओं से लोकतांत्रिक प्रणाली को गहनता से अध्ययन करने का आग्रह किया। पठानिया ने छात्र-छात्राओं को अपनी ओर से हार्दिक शुभकामनाएं दीं तथा उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।


