EXCLUSIVE: हर घर पाठशाला के प्रस्तावित सम्मान समारोह पर बवाल

कोविड काल में ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने में हिमाचल प्रदेश ने असाधारण पहल की हैै जिसमें हर घर पाठशाला के एस आर जी ( राज्य स्रोत समूह) का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। संभवत इसी बात को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग ने राज्य स्रोत समूह को सम्माननीत करने की योजना बनाई थी। जानकारी है कि इसे 5 अक्तूबर को दो सतर पर आयोजित किया जाना था राज्य स्तरीय समारोह शिमला के पीटरहोफ में एवं जिला स्तर का समारोह प्रत्यक जिला के डाईट संस्थान में आयोजन करने का प्रस्ताव था परंतु इन दोनो स्तर पर नामांकित सदस्यों की प्रस्तावित सुचि पहले ही सोशल मीडिया में वायरल हो गई ।जिसके कारण बवाल हो गया।
प्रवक्ता संघ जिला सिरमौर अध्यक्ष सुरेन्द्र पुन्ड़ीर एवं मण्डी जिला से प्रवक्ता संघ के पूर्व जिला मह्सचिव मानोज शर्मा ने ये मामला सरकार के समक्ष उठाया है।उनके मुताबिक यदि कुछ राज्य स्रोत सदस्यों की माने तो इस सुचि को निष्पक्षता से नही बनाया गया साथ ही कोई तर्कसंगत मापदंड भी नही अपनाये गये । इस वायरल सुचि में 86 सदस्यों की राज्य सतर के लिय चुना गया तथा 83 सदस्यों को जिला स्तर में नामांकित कििया गया ।
संघ ने ये भी आवाज़ उठाई हे कि आश्चर्य की बात यह रही कि पूर्व में लगातार 2 वर्षो तक अनिवार्य विषय के एक राज्य समन्वयक अधिकारी को दोनो ही सूचियों से बाहर कर दिया।
कुछ एच्छिक विषयों में 9- 9 सदस्यों को राज्य स्तर के लिय चुना गया जबकि अनिवार्य विषय जेसे अन्ग्रेजी, विज्ञान व गणित आदि में मात्र 3 या 4 सदस्यों को ही राज्य स्तर के लिय नामांकित कीया गया। कुछ एसे भी सद्स्य हें जिन्होने लगातार 2019 से नियमित हर घर पाठशाल के लिय पठन पाठन सामग्री तेयार की तथा 30 से 50 प्रतिशत तक का अकेले योगदान दिया उन्हे जिला सुचि में व मात्र 1 या 2 दिन का मटेरियल देने वाले एवं हाल ही में स्रोत समूह में जुड़े सदस्यों को राज्य सुचि में नामांकित किया गया। इस विषय पर प्रवक्ता संघ जिला सिरमौर अध्यक्ष सुरेन्द्र पुन्ड़ीर एवं मण्डी जिला से प्रवक्ता संघ के पूर्व जिला मह्सचिव मानोज शर्मा (जो दोनो भी इस समूह के सदस्य है उनका कहना है कि
जब राज्य के स्रोत समूह में इस सुचि को तर्कसंगत बनाने एवं सभी सदस्यों को एक समान सम्मानित करने का निवेदन किया तो उन्हे समूह से ही बाहर कर दिया गया ।
परिणाम सवरुप उन्होने राज्य परियोजना अधिकारी से इस विषय पर दूरभाष पर मौखिक एवं वहाटसप पर लिखित विरोध दर्ज करवाया जिस पर राज्य परियोजना अधिकारी ने शीघ्र उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया। प्रवक्ता संघ जिला सिरमौर अध्यक्ष ने कहा कि सभी शिक्षको ने स्वयं सेवी रुप से छात्र हित में यह कार्य बिना किसी पुरुस्कार की अपेक्षा के किया हें परंतु यदि राज्य सरकार इस असाधारण कार्य को स्म्मान देना चाहता भी हें तो सभी सदस्यों को बिना किसो भेदभाव के ही यह सम्मान मिलना चाहिये। अन्यथा केवल चहेतो की सुचि बना कर किया जा रहा यह समारोह अन्य शिक्षको में उदासीनता, निराशा एवं हताशा का कारण बनेगा जिस से स्वभाविक रुप से लगातार लम्बे समय से दिन रात महनत कर रहे शिक्षको का मनोबल गिरेगा। वास्विकता में किसी भी टीम के द्वारा प्राप्त की गई उपलब्धियों में दल के सभी सदस्यों को एक समान सम्मान मिलना चाहिये खास तौर से हजारो शिक्षको का प्रतिनिधित्व कर लाखो विद्यार्थियों के लिय शिक्षा सामग्री तेयार कर रहे मात्र 175 शिक्षको को सम्मानित करना शिक्षा विभाग के लिय क्यों भारी पढ़ रहा हें।
संघ ने ये भी साफ किया है कि शंका यह भी जताई जा रही हे की जिस अवार्ड की मांग सदस्यों ने की ही नही कहीं यह सारा आडम्बर राज्य स्तर पर आयोजन कर रहे किसी विभागिय प्रतिनिधि द्वारा केवल अपने चहेतो को प्रभावित कर दशको से बिना पद के पद पर स्थायित्व का प्रयास तो नही। वेसे भी आचार संहिता के लगने के बाद शायद यह समारोह 5 अक्तूबर को आयोजित न ही हो परंतु समूह के सदस्यों ने आगाह किया हें की यदि सभी सदस्यों को एक समान रुप से सम्मानित नही किया गया तो शीघ्र ही शिक्षा मंत्री से इस विषय में शिकायत की जायेगी तथा इस प्रकार के पक्षपातपुर्ण सुचि एवं समारोह का वहिष्कार किया जायेगा।


