दिव्यांगों की नियुक्ति करते समय अन्य दिव्यांगों या उनके परिवार के सदस्यों का भी रखा जाए ध्यान

दिव्यांगों की नियुक्ति करते समय अन्य दिव्यांगों या उनके परिवार के सदस्यों का भी रखा जाए ध्यान।
हिमाचल दिव्यांग कल्याण समिति (प०) के प्रदेशाध्यक्ष हरिदास प्रजापति तथा प्रदेश महासचिव रमेश चन्द भारद्वाज ने उपमंडल अधिकारी, (ना०) सरकाघाट के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर मांग की हैं, कि दिव्यांग कोटे से भरे जाने वाले जेबीटी के 187 पदों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करते समय, उस दिव्यांग के किसी परिवार के सदस्य को, उसकी सहमति पर नौकरी दी जाए, अगर वो दिव्यांग बिस्तर पर पड़ा है या वो किसी भी तरह की नौकरी या काम करने में सक्षम नहीं हैं तथा यदि उनके घर से कोई भी सरकारी नौकरी पर नहीं हैं। जिससे आरक्षित सीटों का फ़ायदा, दिव्यांगों या उनके परिजनों को ही मिले।
प्रदेश महासचिव व मीडिया प्रभारी रमेश चन्द भारद्वाज ने बताया कि वो पहले से सरकार के समक्ष अपनी मांगों में उपरोक्त मांग कर चुके है तथा साथ ही ये भी मांग रखी है, कि यदि 40% वाला कोई भी पात्र दिव्यांग, किसी पद को भरने के लिए नहीं मिलता, तो उस स्तिथि में 40% से कम चिकत्सा प्रमाण पत्र धारक को पात्रता पूरी करने पर, उसे उस पद का लाभ दिया जाए तथा पूर्ण से बहरे या बहुत कम दृष्टि वाले दिव्यांगों की जगह, उनके किसी परिवार के सदस्य को, उसकी काबिलियत के हिसाब से नौकरी पर रखा जाए, जिससे अन्य कर्णचारियों को, तुरंत काम लेने में किसी भी तरह की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
उपरोक्त सुझाव व अन्य मांगे केंद्र सरकार के पास भी विचाराधीन हैं




