
स्कूलों में कोविड सामान में गड़बड़ी करने का मामला गरमा गया है। इस बाबत राजकीय अध्यापक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान का कहना कहना है की जो शिक्षक ऐसा काम कर रहा होगा उस पर प्रशासन को कड़ी कार्रवाई जरूर करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि संघ के सभी सदस्यों से भी ये आग्रह किया जाएगा कि जो भी ऐसे केस होंगे उन पर नज़र रखी जाए। और उसकी शिकायत जल्द विभाग को की जाए।
गौर हो कि प्रदेश के स्कूलों के द्वार खुले जाने के बाद बच्चों को कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए सैनिटाइजर और मास्क स्कूल द्वारा मुहैया तो करवाए जा रहे हैं लेकिन इन समान के आवंटन को लेकर गड़बड़ी की शिकायतें विभाग तक पहुंचने लगी हैं। जिस पर राजकीय अध्यापक संघ ने भी गंभीरता जाहिर की है। हालांकि अभी यह शिकायतें मौखिक हैं लेकिन इस बाबत प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ अमरजीत ने यह सख्त निर्देश जारी किए हैं कि यदि बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते कोई भी स्कूल पाया गया तो उक्त शिक्षक को तुरंत सस्पेंड किया जाएगा। गौरव की प्रदेश के स्कूलों को स्कूली बच्चों के लिए सैनिटाइजर और मास्क देने के लिए बजट मुहैया करवाया जा रहा है जिसमें समग्र शिक्षा के तहत यह बजट मुहैया करवाने की सूचना है। अब शिकायतें आ रही है कि कुछ स्कूल के शिक्षक दवा दुकानों में जाकर बिल पूरे बजट का बना रहे हैं लेकिन उसके डिस्काउंट का पैसा अपनी जेब में डाल रहे हैं। हालांकि यह मौखिक शिकायतें अभी विभाग तक पहुंची है लेकिन इसमें कुछ शिकायतें यह भी है कि स्कूली बच्चों के लिए जो सामान खरीदा जा रहा है वह गुणवत्ता युक्त दायरे में नहीं है जिसमें मास्क और सैनिटाइजर इतने ब्रांडेड नहीं है जिस तरह का
बजट प्रदेश सरकार द्वारा प्रति स्कूल के लिए दिया जा रहा है। इसे लेकर प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ अमरजीत का कहना है कि यह बहुत ही गलत बात है कि यदि कुछ स्कूल या उसका शिक्षक ऐसे कार्य कर रहा है। निदेशक का कहना है कि बच्चों का स्वास्थ्य सर्वोपरि है इसलिए जो भी सामान खरीदा जाए वह एक गुणवत्ता युक्त के दायरे में हो। निदेशक ने साफ किया है कि इसकी जांच तुरंत करवाई जाएगी कि किस तरह का सामान स्कूल प्रशासन द्वारा बच्चों के लिए खरीदा जा रहा है। और किस तरीके के बिल बनाए जा रहे हैं इसका चेक भी जरूर निदेशालय के तहत किया जाएगा।


