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व्यावसायिक शिक्षा पर आयोजित स्टेक होल्डर्स कंसल्टेशन वर्कशॉप में आए सुझावों को लागू करने के लिए कदम उठाएंगेः राजेश शर्मा

व्यावसायिक शिक्षा पर आयोजित स्टेक होल्डर्स कंसल्टेशन वर्कशॉप में आए सुझावों को लागू करने के लिए कदम उठाएंगेः राजेश शर्मा

व्यावसायिक शिक्षा पर दो दिवसीय स्टेक होल्डर्स कंसल्टेशन वर्कशॉप संपन्न, वोकेशनल

 

समग्र शिक्षा व STARS प्रोजेक्ट के तहत शिमला में आयोजित दो दिवसीय स्टेक होल्डर्स कंसल्टेशन कार्यशाला मंगलवार को संपन्न हो गई। दो दिनों तक चली इस कार्यशाला में स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा को लेकर व्यापक मंथन किया गया। इसमें प्रदेश की जरूरतों के मुताबिक स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा के नए पाठ्यक्रम शुरू करने, गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के साथ ही प्लेसमेंट सहित कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई।

दो दिनों तक चले लंबी मंत्रणा के दौरान प्रतिभागियों ने व्यावसायिक शिक्षा के संबंध में कई अहम सुझाव भी दिए।
कार्यशाला के समापन अवसर पर समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक राजेश शर्मा ने कहा कि यह कार्यशाला व्यावसायिक शिक्षा के इको सिस्टम को बदलने में अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि कार्यशाला के दौरान आए सुझावों पर अमली जामा पहनाने की दिशा में काम किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि व्यावसायिक शिक्षा में अस्समेंट और सर्टिफिकेशन की लंबी प्रक्रिया को कम कर इसको आसान बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक बड़ी चुनौती व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों को अपने घरों से बाहर निकालकर उद्योगों में ले जाने की है, इस दिशा में कदम उठाए जाएंगे। हिमाचल में कृषि व बागवानी क्षेत्र में व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने की दिशा में किस तरह के कदम उठाए जा सकते हैं, यह भी देखा जाएगा।

राजेश शर्मा ने कहा कि कार्यशाला में एक अहम मुद्दा व्यावसायिक शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए बच्चों को प्रैक्टिकल ट्रैनिंग देने के साथ ही बेस्ट क्वालिटी ट्रेनर नियुक्त करना रहा है, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा।

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इससे पहले कार्यशाला में पीएसएस सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ वोकेशनल एजुकेशन भोपाल (PSSCIVE Bhopal) के भोपाल के मुनिश चंद्र ने कहा कि व्यावसायिक शिक्षा की गुणवत्ता छात्रों के प्रैक्टिकल एक्सपोजर से संभव है। उन्होंने इसके लिए वर्चुअल लैब स्थापित करने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि PSSCIVE Bhopal इसके लिए 100 वर्चुअल लैब स्थापित करने जा रहा है। इनके माध्यम से छात्रों को टेक्निकल कंटेंट और एनिमेटेड विडियो उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि उद्योगों के साथ मिलकर सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित किए जा सकते हैं। प्रदेश में ऐसे दो तीन सेंटर स्थापित हो सकते है।

हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड के सचिव मेजर डा. विशाल शर्मा ने छात्रों के अस्समेंट और सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया को सरल बनाने के सुझाव दिए।

कार्यशाला के दौरान व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों की प्लेसमेंट करने के लिए मैकेनिजम विकसित करने पर जोर दिया गया। प्रतिभागियों ने छात्रों की प्लेसमेंट के लिए लैब डाटा एनालिसिस करने के साथ ही इन बच्चों की प्लेसमेंट के लिए एक सेंट्रल लेवल का पोर्टल बनाने का सुझाव दिया। इसके अलावा ट्रेनरों को रेगुलर ट्रैनिंग देने की जरूरत भी बताई। इस कार्यशाला में बच्चों को हिमाचल की जरूरतों के मुताबिक कृषि व बागवानी क्षेत्र की पढाई के लिए मोटिवेट करने पर भी बल दिया गया। प्रतिभागियों का कहना था कि कृषि में फ्लोरीकल्चर के लिए मार्किट और कोल्ड स्टोरेज की सुविधा दी जा सकती है। वैकल्पिक तौर पर इनमें वैल्यू एडिशन की जा सकती है।

इस मौके पर समग्र शिक्षा में वोकेशनल एजुकेशन के नोडल आफिसर दिनेश स्टेटा ने कहा कि दो दिनों तक चली इस कार्यशाला में आए सुझावों को लागू करने के लिए कदम उठाया जाएगा। उन्होंने इस कार्यशाला में आए प्रतिभागियों का बहुमूल्य सुझाव देने के लिए धन्यवाद किया।

इस दौरान समग्र शिक्षा के निदेशक राजेश शर्मा ने कार्यशाला में आए प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान किए। वहीं PSSCIVE Bhopal के संयुक्त निदेशक डा. पालीवाल ने आज सीनियर सेकेंडरी स्कूल शोघी का दौरा वहां व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों और ट्रेनरों से संवाद किया।

Deepika Sharma

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