पेंशन मामला: अफसरशाही के खिलाफ कर्मचारियों में भारी आक्रोश

स्टेट इलेक्ट्रीसिटी बोर्ड इम्प्लॉइज यूनियन ने आज यहां बोर्ड़ मुख्यालय के बाहर भोजन अबकाश दौरान धरना प्रदर्शन कर OPS में लागू करने में कई जा रही देरी पर विरोध जताया और इसके लिए सीधे सीधे बिजली बोर्ड प्रवन्धन को दोषी ठहराया। यूनियन के महासचिव हीरा लाल वर्मा ने कहा कि वर्ष 2003 के बाद लगे कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल करना प्रदेश सरकार का राजनीतिक फैसला है और इसके कार्यन्वयन में अफसरशाही द्वारा की जा रही देरी से अफसरशाही के खिलाफ कर्मचारियों में भारी आक्रोश है ।
उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड में कर्मचारियों के नई पेंशन प्रणाली का शेयर काटना अभी तक बंद नही किया है। बोर्ड़ प्रवंधन ने माना था कि इस माह से शेयर नहीं काटा जाएगा और इस बारे आदेश समय रहते जारी कर दिए जाएंगे। लेकिन बिजली बोर्ड के फील्ड कार्यालय में अब वेतन बनाना शुरू कर दिया गया है लेकिन इस बारे कार्यलय आदेश अभी तक जारी नहीं हो पाने के कारण कर्मचारियों में भारी आक्रोष देखने को मिला जिसके चलते आज बोर्ड मुख्यालय में कार्यरत कर्मचारियों द्वारा गेट मीटिंग कर बोर्ड़ प्रवंधन के के खिलाफ सांकेतिक बिरोध प्रदर्शन किया और जताया कि यदि बोर्ड में समय रहते पुरानी पेंशन बहाल नहीं हुई और nps शेयर काटना इस माह से बंद नहीं किया तो यूनियन आंदोलन को तेज करने के लिए मजबूर होगी।
यूनियन ने आरोप लगाया कि वर्तमान बोर्ड प्रवन्धन पुरानी पेंशन बारे मुख्यमंत्री के आदेशों की अबहेलना कर रहा है जो कर्मचारियों के आक्रोश का मुख्य कारण है। माननीय मुख्यमंत्री ने कई बार इस बारे बोर्ड प्रवंधन को आदेश जारी किए हैं लेकिन मामला अधर में लटका पड़ा है। यूनियन के महामंत्री ने कहा कि बिजली बोर्ड़ के चैयरमैन रामसुभग सुभग सिंह बिजली बोर्ड के संचालन में बुरी तरह से विफल रहे है और बिजली बोर्ड की स्मार्ट मीटरिंग, ऊर्जा क्षेत्र में निजी वितरण कंपनी का प्रवेश और इसकी संचार व वितरण ढांचे को तहस नहस करने में लगे है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि रामसुभग सिंह बतौर बिजली बोर्ड चैयरमैन बोर्ड के कर्मचारियों का विश्वास खो चुके है इन्हें तुरंत बिजली बोर्ड से हटाया जाए। उन्होंने कहा कि यूनियन इन तमाम मामलों को माननीय मुख्यमंत्री के साथ प्रस्तावित 27 जून की बैठक में भी उठाएगी।



