
वीरेंद्र चौहान, प्रदेश अध्यक्ष हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने साफ किया है कि न्यायलय के द्वारा यह 5 लोग जिन्हें पहले संगठन ने
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अनुशासनहीनता के कारण संगठन से 3 साल के लिए प्राथमिक सदस्यता सहित निष्कासित किया था उसके पश्चात माननीय न्यायालय ने भी इन्हें अनुशासनहीनता व धोखाधड़ी तथा जालसाजी जिसमें 202 शिक्षकों के जाली हस्ताक्षर कर प्रदेश अध्यक्ष को बिना किसी बैठक के निष्कासित कर खुद को कार्यकारी अध्यक्ष प्रेस वार्ता के माध्यम से घोषित किया था उस संदर्भ में न्यायालय ने 12 पेजों के आदेश में इन 5 लोगों को पदाधिकारी व सदस्य पद से ही निलंबित कर दिया है और साथ में यह भी आदेश पारित किया है कि यह हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ का नाम, नंबर व लोगो का प्रयोग नहीं कर सकते है l
वीरेंद्र का कहना है की इन लोगों ने अपनी मर्जी से हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के नाम पर सदस्यता शुल्क के लिए प्रतियां छापी है और हो सकता है कि आप तक पहुंची हो ऐसे लोगों के खिलाफ हम कानूनी कार्रवाई अमल में ला रहे हैं जो आप सबके समक्ष कुछ दिनों में होगी और उसकी जानकारी आप तक पहुंचा दी जाएगी आपसे निवेदन है कि यदि ऐसी कोई पर्ची आपके ध्यान मे आती है तो आप उसे ना काटे और उसकी सूचना हम तक पहुंचाएं हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ कि जो सदस्यता शुल्क की प्रतियां संगठन के द्वारा आप तक भेजी गई है उसमें संघ का लोगो व नीचे प्राप्तकर्ता अधिकृत प्रदेश अध्यक्ष विरेंद्र चौहान लिखा गया है और यह सफेद रंग की पर्ची है यदि कोई और पर्ची आप तक पहुंचती है जिसमें संघ का लोगो व प्राप्तकर्ता अधिकृत प्रदेश अध्यक्ष नहीं लिखा गया है तो वह अवैध है कृपया करके उसे ना कटाएं क्योंकि यह एक बहुत बड़ी धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला है जिस पर संगठन कडा संज्ञान ले रहा है यदि ऐसा ही चलता रहा तो कोई भी व्यक्ति अपने स्तर पर पर्चीया छपवां कर पैसा इकट्ठा करते रहेगा इससे शिक्षकों का संगठनों के प्रति विश्वास खत्म हो जाएगा और एक ओर जहां संगठन कमजोर होंगे वहीं शिक्षकों के जेब से फिजूल खर्चे के लिए ऐसे लोगों द्वारा पैसा वसूल किया जाएगा l




