दो गुटों के एकीकरण को लेकर एक बैठक

हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के दो गुटों के एकीकरण को लेकर एक बैठक विश्रामगृह बोहनी जिला हमीरपुर में संपन्न हुई जैसा कि सभी को सर्वविदित है कि वर्तमान में हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के 3 गुट अदालत में संघ की दावेदारी को लेकर आमने-सामने खड़े हैं इस मामले को अदालत में पहुंचाने व संघ के टुकड़े टुकड़े करने का श्रेय उस तानाशाही,पदलोभि व स्वयं भू नेता को जाता है जो अदालत में विचाराधीन विषय होने के बावजूद इस पर सिर्फ अपना ही हक जताते नहीं थकता। संगठन के पूर्व में रहे गरिमामई इतिहास व प्रतिष्ठा के मद्देनजर आज दो गुटों जिसमें एक का नेतृत्व नरेश महाजन व दूसरे का नेतृत्व कैलाश ठाकुर कर रहे हैं दोनों ने संगठन की बेहतरी के लिए एकीकरण के अभियान के तहत सोशल मीडिया के माध्यम से आह्वान किया की संगठन हित में हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के सभी वर्ग अपने व्यक्तिगत स्वार्थ से ऊपर उठकर इसके एकीकरण के प्रयास में विश्रामगृह बोनी जिला हमीरपुर में एकत्रित हों इस क्रम में दोपहर बाद तक हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के कैलाश गुट व नरेश महाजन गुट के प्रतिनिधि विश्रामगृह बोहनी पहुंचे इसके बाद दोनों गुटों के शिष्टमंडल की बैठक का आयोजन किया गया जिसमें दोनों गुटों के अध्यक्ष नरेश महाजन व कैलाश ठाकुर उनके महामंत्री नरोत्तम वर्मा व श्यामलाल हांडा अपने-अपने जिला अध्यक्षों सहित चंबा से संजय ठाकुर,मंडी से अश्विनी गुलेरिया,कांगड़ा से नरेश धीमान, बिलासपुर से यशवीर रनौत, हमीरपुर से संजीव ठाकुर,सोलन से कश्मीरी ठाकुर,शिमला से महावीर कैंथला, कुल्लू से संदीप मित्तल,अजय शर्मा,सुरेश नरयाल, नरदेव,निर्मल चंदेल, सुनील,रितेश राजकुमार,सुरेश भारद्वाज,शक्त चौहान इंदर सिंह आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे लंबी वार्ता के बाद दोनों पक्षों में संघ के एकीकरण के मुद्दे पर सहमति बनी तथा संघ की आगामी गतिविधियों व चुनाव प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक दस सदस्य समन्वय समिति का गठन किया गया जिसकी अध्यक्षता जिला हमीरपुर के अजय शर्मा करेंगे व उनके साथ उनके सचिव कुल्लू जिला से संदीप मित्तल होंगे तथा उनके सहयोगी सदस्यों में नरेश महाजन,कैलाश ठाकुर, नरोत्तम वर्मा,सुनील शर्मा, नरेश कुमार,महावीर, कैंथला,संजय ठाकुर, शक्त चौहान को शामिल किया गया संघ के सभी सदस्यों ने आशा व्यक्त की सभी संगठन की बेहतरी के लिए निकट भविष्य में तीसरा गुट भी हमारे बीच में शामिल होना चाहिए और उस तीसरे पक्ष को इसके लिए 7 दिन का समय यह समन्वय कमेटी देगी क्योंकि उस पक्ष के लिए भी हम दो गुटों के दरवाजे खुले हैं।




