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खास खबर: सभी शिक्षक अपने व्यक्तिगत मतभेदों को भूलकर एक छत के नीचे आकर संगठन को मजबूत करें

हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष का आवाहन

 

 हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान, प्रदेश महासचिव मनोज शर्मा, वित्त सचिव सुनील शर्मा, चेयरमैन सचिन जसवाल, मुख्य संरक्षक अरुण गुलेरिया , संरक्षक सरोज मेहत, मनोहर लाल शर्मा , वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुकेश शर्मा ,संजीव ठाकुर उपाध्यक्ष गोविंदर पठानिया, रमेश किमटा, गोपाल शर्मा ,सुरेंद्र मोहन, प्रेस सचिव संजय चौधरी ,पंकज शर्मा, शशि गौतम तथा जिला प्रधान चंबा हरिप्रसाद शर्मा, जिला प्रधान कांगड़ा सचिन जसवाल, जिला प्रधान हमीरपुर राजेश गौतम, जिला प्रधान बिलासपुर राकेश संधू ,जिला प्रधान किन्नौर राधाकृष्णन, जिला प्रधान कुल्लू यशपाल शर्मा, जिला प्रधान सोलन रणधीर सिंह राणा ,जिला प्रधान उना किशोरीलाल , जिला प्रधान लाहौल स्पीति पालम शर्मा, जिला प्रधान मंडी तिलक नायक, जिला प्रधान शिमला दिलीप शर्मा, महासचिव जिला सिरमौर वीरभद्र सिंह नेगी तथा समस्त खंड प्रधान व उनकी कार्यकारिणी सहित संघ के सभी पदाधिकारियों ने एक सयुंक्त वक्तव्य मे कहा है कि हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ का चुनाव 2019 नवंबर में हुआ था जिसमें वीरेंद्र चौहान को प्रदेश अध्यक्ष चुना गया था और 3 साल के लिए कार्यकारिणी का गठन वीरेंद्र चौहान की अध्यक्षता मे किया गया था और अब 3 वर्ष पश्चात 2023 में संगठन के नए चुनाव करवाए जा रहे हैं जिसकी विधिवत रूप से घोषणा 6 मार्च को धर्मशाला में आमसभा में की गई है और उसी आमसभा में संघ के संविधान के अनुसार इस निष्पक्ष चुनाव व्यवस्था को पूरा करवाने के लिए 3 सदस्य चुनाव आयोग का गठन भी हाउस ने किया है जिसमें श्री अरुण गुलेरिया जो संगठन के मुख्य संरक्षक भी है को मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया है तथा उनके साथ श्री सरोज मेहता जो संगठन के संरक्षक है उनको तथा डॉ कुलदीप सिंह अत्री जी को जो संगठन के कई पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं, को चुनाव आयुक्त नियुक्त कर इस पूरी चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष करवाने का जिम्मा सौंपा है इस कड़ी में राज्य अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने 10 मार्च को उक्त पदाधिकारियों की अधिसूचना जारी कर दी है और प्रदेश में सभी वर्गों के शिक्षकों की सदस्यता ली जा रही है हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ का सदस्यता अभियान जोरों पर है प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने सभी शिक्षकों से आग्रह किया है कि आप बढ़ चढ़कर हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ की सदस्यता ले और साथ में आग्रह किया है कि सभी शिक्षक अपने व्यक्तिगत मतभेदों को भूलकर एक छत के नीचे आकर संगठन को मजबूत करें ताकि हम अपनी मांगों को सरकार और विभाग के समक्ष सही तरीके से उठा सके साथ ही ये भी आग्रह किया गया कि सभी शिक्षक या साथी जो अपने आप को हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के अध्यक्ष या पदाधिकारी के नाते अखबारों के माध्यम से खबरें लगाकर शिक्षकों को गुमराह करने का कार्य कर रहे हैं वह कृपया करके संगठन के होने वाले चुनाव में चुनाव लड़ कर अपने आप को साबित करें कि वास्तव में ही शिक्षकों का समर्थन उनके साथ है और यदि जो भी साथी खंड स्तर जिला स्तर या राज्य स्तर पर चुनाव जीतकर आगे आता है वही शिक्षक नेता वास्तव में सही मायनों में हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ का पदाधिकारी कहलाएगा क्योंकि डेमोक्रेसी के अंदर जो व्यक्ति जीत जाता है वही पदाधिकारी कहलाने का हकदार होता है इसलिए हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ की मेंबरशिप स्लिप जिसमें अधिकृत प्रदेश अध्यक्ष विरेंद्र चौहान नीचे लिखा है वही पर्ची राज्य चुनाव आयोग और संगठन द्वारा सदस्यता के लिए सरकुलेट की गई है इसलिए सभी शिक्षक साथी हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के नाम पर उसी पर्ची को कांटे और यदि कोई अन्य पर्ची हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के नाम पर आप तक पहुंचती है तो वह असंवैधानिक और अनैतिक होगी तो कृपया आप उसकी तरफ ध्यान ना दें किसी भी साथी को हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ की सदस्यता लेने से मना नहीं है जो भी साथी चुनाव लड़ना चाहते हैं वह अपना हाथ आजमा सकते हैं इसके बजाय कि आप अलग-अलग गुटों में संगठन को बदनाम करें और एचजीटीयू की छवि खराब करने का काम करें इसलिए सभी साथियों से निवेदन है और सभी को खुली चुनौती है कि आप संगठन के चुनाव में भाग लेकर अपने अस्तित्व को सावित करे। 

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कोई भी साथी संगठन के चुनाव लड़ सकता है लेकिन संघ के नाम से फील्ड में एक ही पर्ची सर्कुलेट हुई है दूसरी पर्ची यदि आप तक आती है तो उस पर हम न्यायालय के द्वारा भी अंकुश लगाएंगे और साथियों से भी निवेदन है कि आप ऐसे लोगों को दूर रखें जो संगठन को कमजोर करने का कार्य कर रहे है साथ ही उपरोक्त सभी पदाधिकारियों ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ की किसी भी प्रकार की बैठक कल बॉयज स्कूल हमीरपुर में नहीं रखी गई है और ना ही संघ का कोई ऐसा एजेंडा है क्योंकि हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ पहले ही 6 मार्च को धर्मशाला में बैठक कर चुनाव प्रक्रिया शुरू जारी कर चुका है और अन्य मुद्दों पर भी विस्तृत चर्चा हुई है इसलिए जो साथी बैठक के नाम पर गुमराह हो रहे हैं तो उनको यह सूचित किया जाता है कि हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ एक है एक था और एक रहेगा कुछ मौकापरस्त साथी जो पिछली सरकार में भाजपा सरकार के एजेंडे के साथ काम कर रहे थे उनको संगठन से पहले ही निष्कासित किया गया है इसलिए वह अपने लिए रास्ता ढूंढ रहे हैं और हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ का नाम लेकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं न्यायालय ने भी इन लोगों को निष्कासित कर दिया था और इनके ऊपर धोखाधड़ी और संगठन को तोड़ने व जाली दस्तावेज के आरोप भी लगे हैं आप इन लोगों के बहकावे में ना आए और वैसे भी पूरे हिमाचल प्रदेश के शिक्षक जानते हैं कि शिक्षक हित में किस संगठन ने और किस नेता ने लड़ाई लड़ी है और कितना संघर्ष किया है यदि आप हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ और प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान के काम और संघर्ष से सहमत है तो अवश्य ही आप हमें सहयोग करें और दूसरों के बहकावे में ना आए l

  

Deepika Sharma

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