एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में कानूनी पेशे की चुनौतियाँ और अवसर पर अतिथि व्याख्यान आयोजित

राजधानी शिमला के स्थानीय एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लीगल लीगल स्टडीज एवं रिसर्च विभाग की ओर से विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. लोकेश चंदेल की अध्यक्षता में बुधवार को विश्वविद्यालय में कानूनी पेशे की चुनौतियाँ और अवसर विषय पर अतिथि व्यख्यान आयोजित किया गया। यह व्याख्यान मुख्य रूप से कानून की चुनौतियों, सिद्धान्तों और अवसरों पर केंद्रित था। ज़िला न्यायलय शिमला में वकालती पेशे व कानून के जानकार अधिवक्ता ओवीस खान पठान ने बतौर गेस्ट व्याख्याता कार्यक्रम में शिरकत की।
अधिवक्ता ओवीस खान पठान ने अपने व्यख्यान में सभी बीएएलएलबी और एलएलएम की पढ़ाई कर रहे लॉ के छात्र-छात्राओं से संवाद करते हुए कहा कि कानून को वास्तव में कानून के रूप में तब तक वर्गीकृत नहीं किया जा सकता जब तक कि वह अपने भीतर न्याय और समानता के आदर्शों को आत्मसात न करे। यह वकील ही है जो मामले को न्याय के कटघरे में लाता है और समाज में सोशल इंजीनियरिंग का आविष्कार करता है।
अधिवक्ता ओवीस खान पठान ने कहा कि छात्र-छात्राओं को वकालत के व्यावहारिक सिद्धांतों, अदालतों के कामकाज और अदालत के समक्ष कार्यवाही कैसे होती है इस बारे भी जानकारी दी। पठान ने छात्र-छात्राओं को न केवल अदालतों के कामकाज के बारे बताया बल्कि उनसे वकालती पेशे में कामयाब होने और कानूनी क्षेत्र में सफल वकील व न्यायवादी बनने के लिए अलग से प्रश्न-उत्तर सत्र में छात्र-छात्राओं की वकालती पेशे से जुड़ी शंकाओं को भी दूर किया।
इस विषेष कानूनी व्यख्यान से छात्र-छात्राओं ने सीखा कि वकालती पढ़ाई पूरी करने के बाद कानूनी पेशे में कानून की समझ, कानून की व्याख्या और व्यवहारिक ज्ञान और अनुभव जरूरी है और यह कानूनी-कौशल और व्यवहारिक ज्ञान उन्हें भविष्य में वकालती पेशे में कामयाब होने के लिए मदद करेगा। इस कार्यक्रम के दौरान स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज एवं रिसर्च विभाग से सहायक प्रो. रंजीता कश्यप, सहायक प्रो. श्वेता शर्मा, सहायक प्रो. सुरभि वर्मा, सहायक प्रो. अरुणा शर्मा और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।


