असर पर बेबाक आवाज़: बड़ी से बड़ी सिफ़ारिश भी कभी कभी छोटी पड़ जाती है

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असर पर बेबाक आवाज़
सेंट एडवर्ड स्कूल, डीएवी कॉलेज चंडीगढ़, इन संस्थानों में दाखिले के लिए बड़ी से बड़ी सिफ़ारिश भी कभी कभी छोटी पड़ जाती है, पर पैसे अच्छी मात्रा में सदैव उपयोग होते हैं, राज्य के बड़े बड़े लोगों के बच्चे ही इतने भाग्यशाली होते हैं जो इनके गेट पार कर पाते हैं।
पिता जी बैंक से सेवानिवृत, भाई ये भी बता देते अमेरिका भेजने के लिए कितने पैसे माफ़ करना रूपए निवेश किए। पासपोर्ट पर या किसी बहुदेशीय कंपनी के नियुक्ति पत्र पर नाम छपने को इतिहास लिखना नहीं कहते मेरे भाई पत्रकार, आप से पहले भी निवेदन कर चुका हुं के इससे बेहतर तो किसी मज़दूर को पकड़ उसके दैनिक संघर्ष की कथा साझा किया करो उस मज़दूर से तुम्हें पैसे तो शायद न मिल पाएं पर सुकुन बहुत मिलेगा आपको और निसंदेह आपकी इस पटकथा से अधिक प्रेरित करने वाली होगी वह रिर्पोट ! इसलिए कभी 45 लाख की बाइक और कभी समृद्ध लोगों की मनोहर कहानियां से परहेज़ करें पत्रकारिता का सम्मान करें और इसकी गरिमा और प्रतिष्ठा बनाएं रखें।
असर पर बेबाक लेखक.
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