चुनाव के शेड्यूल व आगामी रणनीति की सार्वजनिक घोषणा की जाएगी।

हिमाचल प्रदेश में एनजीओ फेडरेशन के गठन बारे प्रैस कॉन्फ्रेंस करने के उपरांत विधानसभा बजट सत्र के उपरांत जल्द चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। जलशक्ति विभाग अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष एल ड़ी चौहान ने कहा कि पूर्व मान्यता प्राप्त एनजीओ फेडरेशन का कार्यकाल समाप्त हो जाने के उपरांत संवैधानिक तरीके से उसके प्रदेशाध्यक्ष को पत्र दिया गया तथा उनसे 15 दिन के भीतर चुनाव की घोषणा करने की अपील की गई तथा इसमे विफल हो जाने पर स्वतंत्र तौर पर अपने स्तर पर चुनाव करवाने की भी बात कही गयी। प्रदेशाध्यक्ष इस प्रक्रिया पर कोई भी कार्यवाही करने में विफल रहे जिस पर पुनः उनको पत्र दिया तथा अपने स्तर पर स्वतंत्र तौर पर चुनाव करवाने की घोषणा की गई, मामले की विस्तृत रिपोर्ट माननीय मुख्यमंत्री सहित अतिरिक्त मुख्य सचिव कार्मिक को भी प्रेक्षित की गई जो कि महासंघ के गठन की संवैधानिक प्रक्रिया है और महासंघ के अस्तित्व को कायम रखने के लिए आवश्यक भी। चौहान ने कहा कि इस मर्तबा एक ऐसे महासंघ का गठन किया जाएगा जिसमे हर दल की सरकार में कर्मचारियों के मुद्दों को उठाने वाले कर्मचारी नेताओं के हाथों में कमान सौंपी जाएगी सिर्फ चंद समय के लिए कुर्सी की अभिलाषा के चक्कर मे कर्मचारियों के हितैषी बनने वालों के हाथों प्रदेश के कर्मियों की कमान सौंपना इस वर्ग के साथ अन्याय है। एल डी चौहान ने कहा कि एनजीओ फेडरेशन की मान्यता का रोल सीधा-सीधा माननीय मुख्यमंत्री जी से रहता है ऐसे में मुख्यमंत्री को इस मर्तबा पूरी जांच-परख के बाद ही मान्यता देनी चाहिए। जो कर्मचारी नेता सदैव कर्मचारियों के मुद्दों को हर मंच से उठाते रहे है उन्ही को मेरिट आधार पर अगर मुख्यमंत्री मान्यता देते है तो जहाँ ये फैंसला कर्मचारी वर्ग के हित मे होगा वही वर्तमान सरकार के लिए भी बेहतर परिणाम लेकर आएगा । चौहान ने कहा कि इस बार एनजीओ फेडरेशन का कोई गुट नही होगा सिर्फ एक फेडरेशन होगी जिसके गठन की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा करते हुए हम आगे बढ़ रहे और सभी चुनी हुई विभागीय इकाइयों सहित अन्य कर्मचारी नेताओ के साथ मिलकर विधानसभा सत्र के बाद प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से चुनाव के शेड्यूल व आगामी रणनीति की सार्वजनिक घोषणा की जाएगी। इस फेडरेशन के गठन की विशेष बात ये रहेगी कि इसमे न तो किसी राजनैतिक व्यक्ति को सीधे तौर पर इन्वॉल्व किया जाएगा क्योंकि एनजीओ फेडरेशन गैर राजनीतिक संगठन है और इसका सीधा नकारात्मक असर कर्मियों पर पड़ता है तथा सरकार की छवि भी खराब होती है।

