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असर पर बेबाक आवाज़…
घर से निकला टूटी हुई नाली और सड़क दिखी तो राष्ट्रीय अखंडता का ख़्याल आया इसीलिए समर्थ सरकार चुनने का निर्णय लिया।
आलू प्याज़ टमाटर खरीदने गया महंगाई देख कर न खरीदने का मन बनाया पर फिर सोचा काजू बादाम तो भाग्य में नहीं अगर ये पौष्टिक चीजें भी नहीं खा पाया तो अपने शरीर और प्राणों की रक्षा कैसे करुंगा और सबसे उपर अपने राष्ट्र की सुरक्षा कैसे करुंगा इसीलिए समर्थ सरकार चुनने का निर्णय लिया।
हिन्दू हूं इच्छा हुई अपने तीर्थस्थानों की यात्रा पर जाऊं गाड़ी निकाली पेट्रोल पम्प गया तेल का दाम असमान छू रहा था, अपने धर्म की रक्षा ओह माफी चाहूंगा गलत बोल गया वास्तव में तो धर्म हम सबका पालक है जब तक के कोई उसमें राजनीति न घुसाए, धर्म को और करीब से जानने और मेहसूस करने और अपने नैतिक स्वाभिमान को जिससे के मेरा राष्ट्र स्वाभिमानी बन सके इसका प्रयास भी विफल हो गया इसीलिए समर्थ सरकार चुनने का निर्णय लिया।
आदरणीय श्याम शरण नेगी जी हम सब आपके आभारी हैं जो आपने सदैव आमजन से जुड़े मुद्दों के आधार पर 70 से अधिक वर्षों तक सोच समझ कर मतदान किया कभी भी देखा देखी और प्रचार का शिकार नहीं बने।
आपको शत शत नमन
बेबाक लेखक



