वाह री सरकार (21साल सेवा के बाद वेतन मात्र 15000)
रेगुलर करने कि नीति बनाए सरकार या दे रेगुलर के बराबर वेतन
कंप्यूटर शिक्षक संघ के प्रेस सचिव राजेश का कहना है की प्रदेश के 1321कम्प्यूटर शिक्षकों के साथ सभी सरकारों ने शोषण क़ी ऐसी कथा लिखी है जिसका कोई दूसरा उदाहरण प्रदेश मे नहीं है 21साल वाद वेतन मात्र 15000है,वो भी तब ज़ब इनके पास मास्टर डिग्री है और पिछले 21सालो से सरकार हाई कोर्ट मे शपथ पत्र देकर भी चुप है 1191 पद पीजीटी आईपी के निकाले भी परन्तु सरकार ने इन पदों पर आज तक स्टे हटाने क़ी कोशिश तक नहीं क़ी है।संघ ने साफ किया है कि
हैरानी है कि अब किसी वजह से कोर्ट मे भी तारीख नहीं दी जा रही है जबकि मौजूदा केस 2017से चल रहा है और नीति बनाने कि मांग को लेकर मामला उससे भी पुराना है अब ये परिवार सरकार से खासे नाराज है और रेगुलर करने कि नीति और बराबर वेतन कि मांग कर रहे है। सरकार ऐसे ही बहाने बनाकर राजनीति का शिकार बनाती रही तो प्रदेश के सभी 35000 आउटसोर्स परिवार के साथ ये शिक्षक भी भाजपा को vote नहीं देंगे यही वो वर्ग भी है जिसके अनुभव बाकी आउटसोर्स से 10-12साल ज्यादा है साथ ही सरकार से प्रदेश कम्प्यूटर शिक्षक संगठन के प्रेस सचिव राजेश शर्मा ने मांग की है कि अगर हरियाणा मॉडल कैबिनेट से मंजूर करती है कि तर्ज पर न्यूनतम वेतन 18000करती है तो सेवा अवधि के आधार पर मैक्सिमम स्लैब रेगुलर के बराबर-पद अनुसार (50000)वेतन का हो और इसमें 5%वार्षिक वेतन वृद्धि दी जाए वर्ना ये शगुफा चुनाव आचार सहिंता तक दिया जाना है तो ये प्रदेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति होगीऔर पूरा शिक्षक समाज और इससे तमाम आउटसोर्स सरकार से रुष्ट होना तय है।



