असर विशेष: गले का इन्फेक्शन हुआ कोविड के डर से मरीज पहुंचे अस्पताल
मौसम के बदलते मिजाज और खानपान में बद परहेजी के साथ ही बीमारियों ने पैर पसारना शुरू कर दिए है। राजधानी शिमला के igmc और रिपन अस्पताल में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ने की मुख्य वजह मौसम में बदलाव को बताया जा रहा है।आसमान में कभी तेज धूप तो कभी घने बादल छाने से मौसम में बदलाव आया है। इस बीच जुकाम, खांसी और बुखार तो एक आम बीमारी है परंतु इसके अलावा ज्यादातर मामले गले में इन्फेक्शन के भी सामने आ रहे हैं। शिमला के igmc और रिपन अस्पताल में प्रतिदिन 40 से 50 मामले आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि गले में हो रहा इन्फेक्शन भी कहीं कोरोना ही तो नहीं..? इस डर से वह अस्पताल आ रहे
●। गले में इंफेक्शन का कारण, लक्षण
गले में इंफेक्शन बैक्टीरिया और वायरस के संपर्क में आने से होता है। बैक्टीरिया और वायरस से संक्रमित होने के बाद गले में जलन, दर्द, सूजन, बुखार और खांसी जैसी समस्याएं देखने को मिलती है। अगर ये तकलीफें वायरस अटैक (Virus Attack) की वजह से हो रही है तो अपने आप ही ठीक हो जाती है।इसके अलावा भी कई प्रकार के लक्षण नजर आ सकते हैं जो कुछ इस प्रकार हैं :-
1) भूख न लगना ।
2) अधिक ठंड लगना ।
3)मुंह के अंदर फफोले बनना ।
4)अचानक से शरीर का तापमान बढ़ जाना ।
5)छाती की त्वचा में लाल-लाल चकत्ते बनना ।
6) खाना निगलने में कठिनाई और पानी पीते समय गले में दर्द होना।
7)खांसी आना और गले का लाल हो जाना। गले पर सफेद धब्बे भी आने लगते हैं।
अगर गले में संक्रमण की वजह से खाना खाते समय गला दर्द हो, थूक के साथ खून आता है, सांस लेने में कठिनाई, मुंह को खोलने और बन्द करने में कठिनाई होती है तो बिना देरी किए डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
असर टीम से भारती…



