विविध

पुरानी पेंशन की बहाली क्यों नहीं?

 

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) नई पेंशन योजना(NPS) कर्मचारियों के द्वारा पुरानी पेंशन योजना(OPS) की बहाली के लिए चलाए जा रहे आंदोलन का समर्थन करती है तथा प्रदेश सरकार से मांग करती है कि प्रदेश में कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना(OPS) को तुरन्त बहाल किया जाए तथा केन्द्र सरकार तुरन्त राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) को रद्द करने तथा पुरानी पेंशन योजना(OPS) के लिए संसद में कानून पारित कर इसे बहाल किया जाये।

नई पेंशन योजना या राष्ट्रीय पेंशन योजना(NPS) सरकार द्वारा 1991 के बाद देश व प्रदेश में अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष(IMF) व विश्व बैंक द्वारा निर्देशित नवउदारवाद की नीतियों के तहत लागू की जा रही है। इन नीतियों के चलते सरकार मजदूर, किसान, कर्मचारी व आम जनता के वेतन व आमदनी में कटौती कर रही है। एक ओर आम जनता पर टैक्स का बोझ डाल कर उनका संकट बढ़ा रही है दूसरी ओर बड़े पूंजीपतियों व कॉरपोरेट घरानों को जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे से हर वर्ष लाखो करोड़ रुपए की छूट दे रही है। इससे आज अमीर और अमीर और गरीब और गरीब हो रहा है। नई पेंशन योजना(NPS) भी सरकार की इन्हीं कॉरपोरेटपरस्त नवउदारवादी नीतियों का ही नतीजा है।

प्रदेश में 15 मई, 2003 के बाद भर्ती होने वाले कर्मचारियों के लिए तत्कालीन कांग्रेस की राज्य सरकार ने नई पेंशन योजना(NPS) को आरम्भ किया था। जबकि देश मे राष्ट्रीय पेंशन योजना(NPS) तत्कालीन BJP की केंद्र सरकार द्वारा 1 जनवरी, 2004 से आरम्भ की गई। इसके लिए PFRDA (पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण) कानून पारित कर पेंशन फण्ड का संचालन निजी कंपनियों के हाथों में देकर इसे शेयर बाजार के हवाले कर दिया और सरकार ने कर्मचारियों के प्रति अपने दायित्व से पल्ला झाड़ दिया। PFRDA (पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण) बिल जब संसद में लाया गया तो उस समय भी केवल CPI(M) व अन्य वामपंथी पार्टियों ने इसका विरोध किया जबकि अन्य पार्टियों भाजपा व कांग्रेस ने इसको पारित करने में पूरा सहयोग किया। CPI(M) की सरकार जिन राज्यों में थी वहाँ राष्ट्रीय पेंशन योजना(NPS) को लागू नहीं किया गया। उस समय में पश्चिम बंगाल में CPI(M) के नेतृत्व में वाममोर्चा की सरकार थी वहां आज भी पुरानी पेंशन योजना(OPS) लागू है और त्रिपुरा में जबतक CPI(M) के नेतृत्व में वाममोर्चा की सरकार थी तब तक पुरानी पेंशन योजना(OPS) लागू थी जैसे ही वर्ष 2018 में BJP की सरकार बनी वैसे ही पुरानी पेंशन योजना(OPS) को समाप्त कर नई पेंशन योजना(NPS) को लागू कर दिया। जिससे BJP का कर्मचारी विरोधी चेहरा स्पष्ट होता है।

WhatsApp Image 2025-08-08 at 2.49.37 PM

प्रदेश में 2003 के पश्चात भर्ती हुए करीब 1.12 लाख कर्मचारी है जो इस नई पेंशन योजना(NPS) में शामिल किए गए हैं और आज इसके विरुद्ध आंदोलन कर रहे हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में BJP ने कर्मचारियों से वायदा किया था कि यदि उसकी सरकार बनती है तो वह पुरानी पेंशन योजना को लागू करेगी। परन्तु आज करीब 5 वर्ष पूरे होने को जा रहे हैं सरकार ने अभी तक इसकी बहाली के लिए कोई भी कदम नहीं उठाए हैं और अब वायदा खिलाफी कर रही है। सरकार केवल कमेटी बनाकर व बैठक कर कर्मचारियों को उलझाने का काम कर रही है। इससे सरकार की नीयत स्पष्ट है कि सरकार पुरानी पेंशन योजना(OPS) को बहाल नही करना चाहती है।

नई पेंशन योजना(NPS) कर्मचारियों के संगठन के द्वारा लम्बे समय से पुरानी पेंशन योजना ( OPS) की अपनी मांग के लिए चलाया जा आंदोलन बिल्कुल उचित है। क्योंकि कर्मचारियों का पेंशन का अधिकार आजादी से पहले से ही लागू है। परन्तु आज आजादी के बाद जनता के द्वारा चुनी हुई सरकार जनता के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन नही कर रही है और पूंजीपतियों व कॉरपोरेट घरानों के दबाव में काम कर जनविरोधी नवउदारवादी नीतियों को लागू कर उन पर इस प्रकार के हमले कर रही है। CPI(M) आग्रह करती है कि सरकार द्वारा लागू की जा रही इन जनविरोधी नवउदारवादी नीतियों को पलटने के लिए मिलकर संघर्ष करना होगा और पार्टी इन नीतियों के विरुद्ध मजदूरों, किसानों, कर्मचारियों, छात्रों, युवाओं व अन्य सभी वर्गों द्वारा चलाए जा रहे आंदोलनो में पूर्ण सहयोग करती है और यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जबतक इन नीतियों को पलट कर जनहित की वैकल्पिक नीतियों को देश में लागू न किया जाए।

 

Deepika Sharma

Related Articles

Back to top button
Close