प्रवक्ताओं का पदोन्नति कोटा शीघ्र बढ़ाया जाये
हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ का एक प्रतिनिधिमंडल आज संघ के महासचिव संजीव ठाकुर की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री से हमीरपुर में मिला
हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ का एक प्रतिनिधिमंडल आज संघ के महासचिव संजीव ठाकुर की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री से हमीरपुर में मिला इस प्रतिनिधिमंडल में संजीव ठाकुर ठाकुर के साथ जिला हमीरपुर प्रवक्ता संघ के अध्यक्ष अनिल शर्मा और जिला कार्यकारणी के अन्य सदस्य शामिल थे ! प्रवक्ता संघ के महासचिव संजीव ठाकुर ने बताया कि संघ ने माननीय मुख्यमंत्री के समक्ष पालमपुर सम्मलेन में की गई घोषणा को पूरा करने की
माँग उठाई ! उल्लेखनीय हें कि माननीय मुख्यमंत्री नें प्रवक्ता संघ द्वारा वर्ष 2018 में पालमपुर में आयोजित सम्मेलन में प्रवक्ताओं का कोटा 10% बढ़ाने की घोषणा की थीं ! संघ कें महासचिव संजीव ठाकुर ने बताया कि तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी इस घोषणा को पूरा नहीं किया गया है जिससे प्रवक्ताओं में लगातार रोष बढ़ रहा है उन्होंने बताया कि प्रवक्ता अपनी संख्या कें अनुपात से बहुत कम पदोंउन्नति लें रहें हें !
वर्तमान में प्रवक्ताओ कि सख्या18000 से अधिक है और मुख्यध्यापको कि सख्या लगभग 800 है। स्कूल प्रधानाचार्य की पदोन्नति के दो कैडर हैं स्कूल प्रवक्ता और मुख्य अध्यापक , वर्तमान में स्कूल प्रवक्ताओं की संख्या 18000 से अधिक है , और मुख्य अध्यापकों की संख्या लगभग 900 है, दोनों कैडर के लिए प्रधानाचार्य का पदौनत्ती कोटा 50 : 50 प्रतिशत है , जो कि तर्कसंगत नहीं है। मुख्याध्यापक जो कि पहले ही पदोन्नती का लाभ लें चुके होते हैं, वह मात्र तीन चार साल में प्रधानाचार्य बन जाते हैं, लेकिन प्रवक्ताओं को पहली पदोन्नति के लिए लगभग 24- 25 वर्ष का इंतजार करना पड़ता है, 23 नवंबर 2018 को माननीय मुख्यमंत्री ने इस स्थिति को समझा और घोषणा की कि प्रवक्ताओं का पद्धति कोटा 50 से 60% किया जाता है ,लेकिन 3 साल के बाद भी सरकार इसे लागू नहीं कर पाई ,!स्कूल प्रवक्ता संघ के महासचिव ने बताया कि संघ लगातार इस विषय के ऊपर संवाद कर रहा है, लेकिन शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी व सचिवालय के अधिकारी असंवेदनशीलता दिखा रहे हैं ,जो कि सरकार के लिए घातक है ,यदि मुख्यमंत्री की घोषणा ही लागू नहीं हो पा रही है तो किस पर विश्वास किया जाए। प्रवक्ता संघ ने सरकार से संवाद कार्यक्रम शुरू किया है, और यदि इसका सकारात्मक परिणाम नहीं आता है तो संघ को संघर्ष के लिए विवश होना पड़ेगा। संघ ने माँग की है कि प्रवक्ताओं का पदोन्नति कोटा शीघ्र बढ़ाया जाये !
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