EXCLUSIVE: 10 वर्षीय शुगर प्रभावित मासूम को फ्री इंसुलिन लेने के लिए दर-दर भटकता रहा पिता
आईजीएमसी में पेश आया मामला, बच्चे के पिता को नहीं मिल पाई सहायता
प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल का दर्जा लिए बैठे आईजीएमसी में एक पिता अपने 10 वर्षीय बेटे को इंसुलिन लेने के लिए दर-दर भटकता रहा। मामला यह था कि सिरमौर से एक परिवार हर हफ्ते आईजीएमसी में महज इसलिए चक्कर काटता है क्योंकि उसके बच्चे का इलाज इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में हो रहा है। बच्चा इतना छोटा है कि उसे महज 10 वर्ष की आयु में ही शुगर ने जकड़ लिया है। असर न्यूज़ ने इस बाबत बच्चे और उसकी बहन से बात की जिसमें 10 वर्षीय रोबिन का कहना है कि वह शुगर से ग्रसित है और लगभग हर हफ्ते आईजीएमसी आ रहा है। बच्चे के पिता सुनील का कहना है कि 1 माह में उसका खर्चा लगभग 50,000 से ज्यादा आ जाता है जिसमें रोबिन को तय समय अवधि के तहत इंसुलिन लगाना पड़ता है।
हैरानी तो उस समय आईजीएमसी में सामने आई जब रोबिन के पिता आईजीएमसी के एक अधिकारी के पास गए जिसमें उन्होंने इंसुलिन फ्री करने का आग्रह किया । संबंधित अधिकारी ने मरीज बच्चे की मदद के लिए इंसुलिन फ्री होने के बारे में फाइल पर लिखा लेकिन बदकिस्मती यह रही कि पिता, इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज के जब दूसरे आला अफसर के पास फाइल लेकर गया तो बड़े ही दुर्ववहार के साथ उसकी फाइल
आईजीएमसी के संबंधित बड़े आला अफसर ने वापस लौटा दी।
लेकिन उसे वहां पर कोई सहायता नहीं मिल पाई। मरीज के पिता सुनील का कहना है कि उसे यह कहा गया कि यहां पर उसे कोई भी इंसुलिन फ्री नहीं मिलेगा। मरीज के पिता सुनील का कहना है कि वह सिरमौर के दूरदराज के क्षेत्र के रहने वाले हैं उनके दो बेटे और एक बेटी है लेकिन छोटे बेटे को काफी शुगर है और वह कंट्रोल में नहीं आ रही है । उसे फिट पढ़ते हैं।जिसमें 10 वर्ष की उम्र में ही उसे इंसुलिन लगाया जा रहा है लेकिन इतना खर्चा हो गया है कि उसे अब उधार लेकर बच्चे का इलाज करना पड़ रहा है सुनील ने अपने बेटे के इलाज में मदद के लिए प्रशासन से आग्रह किया है और कहां है कि उसे इंसुलिन और अन्य स्वास्थ्य खर्चों की सहायता दी जाए उसका बच्चा बहुत ही छोटा है और पांचवी कक्षा का छात्र भी है उसे अक्सर सिरमौर से इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला आना पड़ रहा है और उस पर इतना उदास हो गया है कि अब बच्चे का इलाज करना मुश्किल हो गया है। मरीज बच्चे के पिता सुनील का कहना है कि उसे अपने बेटे का इलाज करवाने में बहुत ज्यादा मुश्किल आ रही है । उन्होंने प्रदेश सरकार से भी आग्रह किया है कि उनकी मदद की जाए।


