EXCLUSIVE: एक इंजेक्शन लगवाने में पीएचसी फेल
टूटू पीएचसी की शिकायत पहुंची सीएमओ के पास
स्वास्थ्य सेवा में इतनी बड़ी बदहाली और क्या हो सकती है कि एक पीएचसी में एक इंजेक्शन लगाने के लिए मरीज को इधर-उधर भटकना पड़ा। ऐसा ही एक मामला शिमला के सबसे बड़े उपनगर टूटू में सामने आया है जिसमें एक महिला को b12 का इंजेक्शन लगाने के लिए पीएचसी के स्टाफ ने साफ इंकार कर दिया। हैरानी तो यह है कि अर्की क्षेत्र की रहने वाली महिला ने अर्की में भी बी 12 यह इंजेक्शन पहले भी दो मर्तबा लगा दिए थे, लेकिन उसके बाद महिला को इस इंजेक्शन को लगाने के लिए पीएचसी में स्टाफ ने साफ इंकार कर दिया।
शिकायत पहुंची सीएमओ शिमला के पास
इसकी शिकायत सीएमओ से की गई।शिकायतकर्ता महिला का कहना है कि जब टूटू के पीएचसी सेंटर गए तो वहां पर स्टाफ ने कहा कि जो हम पर्ची पर लिखेंगे वह इंजेक्शन आपको लगाना होगा बल्कि महिला यह आग्रह करती रह गई कि पहले तो इंजेक्शन भी अर्की के अस्पताल में लगा लिए गए हैं और जो इंजेक्शन लगाया गया है वह एक नामी और अधिकृत कंपनी का इंजेक्शन था । जो महिला को नहीं लगाया गया।
सीएमओ ने की तुरंत कार्रवाई
इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए जिला सीएमओ डॉ सुरेखा चोपड़ा ने मामले को गंभीरता से लिया और टूटू पीएचसी को मरीज को इंजेक्शन लगाने के आदेश जारी किए।
ये उठे सवाल
अब सवाल यह उठ रहे हैं कि अगर कोई अन्य मरीज अस्पताल में किसी भी दर्द को लेकर इंजेक्शन के लिए आता है तो क्या पीएचसी उसके दर्द को महलम न लगाते हुए उसे वापस लौटा देगी? शिकायतकर्ता का कहना है कि पीएचसी पर नजर रखी जाए।
सवाल तो यह भी उठ रहे हैं कि आखिर स्वास्थ्य संस्थान लोगों को प्राथमिक इलाज देने के लिए हाथ खड़े क्यों कर देता है। बल्कि एक इंजेक्शन लगाने के लिए पीएचसी में काफी स्टाफ होता है। और उसकी जिम्मेदारी भी होती है की मरीज को प्राथमिक इलाज किया जाए।


