ऐसा क्यों : सोलह सालों से कर्मचारियों को भत्ते के नाम पर थमाया झुनझुना, विधायकों की कर दी बल्ले बल्ले
संयुक्त कर्मचारी महासंघ वीरेंद्र चौहान ने उठाई आवाज़

हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान का कहना है कि वह सरकार के पीछे नहीं पड़े हैं उनकी सरकार उनके पीछे पड़ी है। वीरेंद्र चौहान का कहना है कि 16 साल से उनके भत्ते नहीं बढ़ाए गए हैं लेकिन विधायकों के भत्ते बढ़ा दिए गए हैं । जिसमें होटल ठहराव की दर बढ़ा दी गई है जिसे लेकर महासंघ का कहना है कि यह भी एक प्रकार का भत्ता है जो विधायकों के लिए बढ़ाया गया है।आखिर ऐसा क्यों किया गया है पेंशन के नाम पर भी ऐसा ही है की विधायकों को पेंशन है और कर्मचारियों को क्यों नहीं। इस सवाल का जवाब हिमाचल सरकार को देना पड़ेगा। उन्हें
केंद्र या पंजाब की तर्ज पर एक सम्मानजनक भत्ता दिया जाना चाहिए।
उधर हिमाचल प्रदेश में गठित संयुक्त कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान सहित आठ पदाधिकारियों-शिक्षकों को स्थानांतरित कर दिया गया है। संयुक्त कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान का कहना है कि सरकार कर्मचारियों की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है परंतु वह हार नहीं मानेंगे वह लगातार कर्मचारियों के हितों के लिए प्रयास करते रहेंगे।
उनका कहना है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पहले ऐसे नहीं थी परंतु अब वह कुछ जय चंदों की बातों में आकर ऐसे कदम उठा रहे हैं। और यह जयचंद जो है वह अपने कर्मचारी भाइयों की पीठ पर ही छूरा घोंप रहे हैं।
वीरेंद्र चौहान है कि एमएलए भी इस बात का विरोध कर सकते थे कि उन्हें इतने महंगे कमरे की कोई जरूरत नहीं है जबकि उन्हें सरकारी आवास में 100 से 300 तक के कमरे मिल जाते हैं और ज्यादा हुआ तो उन्हें 1000 तक के कमरे होटलों में भी मिल जाते हैं। लेकिन फिर भी उन्होंने विधानसभा में इस बारे में कोई भी बात नहीं की। फिलहाल यदि उनके भत्ते पढ़ते हैं तो कर्मचारी भी सरकार की रीढ़ की हड्डी है उनके 16 वर्ष से भत्ते जो अटके पड़े हैं वह भी बढ़ाई जाए।
असर टीम से भारती की रिपोर्ट..



