पुरानी पेंशन बहाली की मांग को दबाने का प्रयास न करे सरकार
पुरानी पेंशन बहाली के वास्तविक पक्षधर विधायक व नेता प्रतिपक्ष बजट सत्र में मुद्दे पर प्रस्ताव लाने पर कार्य करें!

पेंशन बहाली सँयुक्त मोर्चा हिमाचल प्रदेश ने प्रदेश सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग को दबाने की अपेक्षा उसपर सटीक निर्णय लेने की मांग की है। पेंशन बहाली सँयुक्त मोर्चा (PRUFHP) के राज्य महामंत्री व अखिल भारतीय पेंशन बहाली सँयुक्त मोर्चा (AIPRUF) के राष्ट्रीय संयोजक एल ड़ी चौहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पक्ष व विपक्ष के कई माननीय विधायकों द्वारा कई मर्तबा अपने मंचो से पुरानी पेंशन बहाली की पैरवी की जाती रही है, लेकिन ये पैरवी तभी सत्य सिद्ध हो सकती है यदि विधानसभा के इस बजट सत्र में नेता प्रतिपक्ष की तरफ से या किसी अन्य कद्दावर विधायक की तरफ से पुरानी पेंशन बहाली पर विशेष प्रस्ताव को लाने की मांग रखी जाती है, क्यूंकि नियमों में प्रावधान है कि किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर पक्षधर विधायक या नेता प्रतिपक्ष माननीय सभापति विधानसभा से प्रस्ताव लाने की मांग रख सकते है।
चौहान ने कहा इस इस मुहिम को लेकर मोर्चा की तरफ से विधानसभा अध्यक्ष सहित कई अन्य विधायकों से मुलाकात कर मांग रखी गयी थी लेकिन अभी तक किसी भी माननीय द्वारा प्रस्ताव लाने पर बहस नही की गई।
चौहान ने कहा कि यदि पुरानी पेंशन बहाली हेतु प्रस्ताव लाया जाता है तभी प्रदेश के कर्मचारी अपने भाषणों से OPS बहाली का पक्ष रखने वाले नेताओं को मुहिम के वास्तविक पक्षधर समझेंगे, इसके अलावा ये भी स्पष्ट हो जाएगा कि किस विधायक ने प्रस्ताव का समर्थन किया और किसने विरोध किया, क्यूंकि 6 माह बाद यही माननीय विधायक जनता के द्वार आएंगे तब उनको खुलकर जवाब दिया जा सकता है।



